International Widows Day : जानिये आखिर क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस, और क्या है इस दिन का महत्व और इतिहास, थीम 2023 | Why is International Widows Day celebrated? What is the importance and history of International Widows Day in hindi?
हर साल 23 जून को दुनिया भर के देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है. विधवाओं द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लूंबा फाउंडेशन द्वारा शुरुआत में इस दिन की स्थापना की गई थी. इसे बाद में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाया गया और "कई देशों में लाखों विधवाओं और उनके आश्रितों द्वारा सामना की जाने वाली गरीबी और अन्याय" को दूर करने के लिए कार्रवाई के दिन के रूप में मनाया गया.
इस गंभीर विषय से सिर्फ भारत हीं नहीं बल्कि दुनिया के अन्य कई देशों में भी विधवाओं और उनके बच्चों को समाज द्वारा बहिष्कृत सा जीवन जीना पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र के एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 258 मिलियन से भी अधिक विधवा स्त्रियाँ हैं जिन्हें उनके मूल अधिकारों से वंचित कर उनकी असमर्थता के साथ जीने के लिए छोड़ दिया जाता है. इस लेख के माध्यम से हम अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 2023 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है जैसे कि विधवा दिवस का महत्व, इतिहास, विषय, उत्सव, थीम और बहुत कुछ।
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 2023 | International Widows Day 2023
23 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस "कई देशों में लाखों विधवाओं और उनके आश्रितों द्वारा सामना की जाने वाली गरीबी और अन्याय" को संबोधित करने का एक दिन है. इसका मुख्य उद्देश्य विधवाओं की स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है.
एक स्त्री के लिए अपने पति को खोने का मतलब अपना भावनात्मक सहारा, अपना मौलिक अधिकार और अपनी आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा सब कुछ खो देना होता है. ख़ास तौर पर हमारा भारतीय समाज अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए एक विधवा स्त्री को बिना किसी अफ़सोस के उसके हाल पर छोड़ देता है. पहले के समय में जहाँ एक स्त्री को उसके पति की मृत्यु के बाद उसी की चिता में जलने के लिए छोड़ दिया जाता था. वैसे समय और विचार के बदलने से स्थितियाँ पहले से काफी बदल चुकीं हैं परन्तु मानवीय संवेदनाओं में बदलाव की आवश्यकता अब भी है.
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस क्या है? | What is International Widows Day in hindi?
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का उद्देश्य कई देशों में लाखों विधवाओं और उनके आश्रितों के सामने आने वाली गरीबी और अन्याय को दूर करना है. यह दिन लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित एक एनजीओ, द लूंबा फाउंडेशन द्वारा एक पहल है, और 26 मई 2005 को लंदन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में लॉन्च किया गया था.
हाल के आँकड़ों के अनुसार, दुनिया में लगभग 258 मिलियन विधवा महिलाएं मौजूद हैं. जिसमें कि 10 में से लगभग एक विधवा अत्यधिक गरीबी का सामना करती है जबकि अन्य विधवा महिलाएं हिंसा, सामाजिक कलंक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं का सामना करती है.
23 जून को क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस?| Why is International Widow's Day celebrated in hindi?
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की शुरुआत ब्रिटेन स्थित लूंबा फाउंडेशन ने की थी. दरअसल लुंबा फाउंडेशन की संस्थापिका भारतीय मूल की राजिंदर पॉल लुंबा की माँ श्रीमती पुष्पा वती लूंबा ने वर्ष 1954 में 23 जून के दिन अपने पति को खोया था. 37 वर्ष की उम्र में पति गुजर जाने के बाद राजिंदर पॉल लूंबा की माँ को जिस प्रकार सामाजिक प्रताड़नाओं तथा अन्य कई समस्याओं से जूझना पड़ा था, उसने राजिंदर पॉल लूंबा के लिए एक सम्वेदनशील प्रेरणा का काम किया. राजिंदर पॉल लूंबा अपने फाउंडेशन के जरिये अविकसित और गरीब देशों में रहने वाली विधवाओं के लिए उनके पोषण, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा आदि में सहायता करते हैं. यह फाउंडेशन दुनिया के तमाम देशों में सक्रिय है जिसमें भारत समेत कई अन्य एशियाई तथा अफ्रीकी देश भी शामिल हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, यूनाइटेड किंगडम, सीरिया, केन्या, श्रीलंका, बांग्लादेश सहित कई देशों में यह दिवस विधवाओं और उनके आश्रितों द्वारा सामना की जाने वाली गरीबी और अन्याय को दूर करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन, विधवाओं को काम, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए जाते हैं.
हर साल 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस दुनिया भर में विधवाओं की स्थिति को विशेष मान्यता देने के लिए मनाया जाता है. यह दिवस विधवाओं को उनके संपूर्ण अधिकारों का अहसास कराने, समाज में उन्हें सम्मानित जगह दिलाने का आग्रह करता है. विधवाओं को उनका संवैधानिक अधिकार, उनकी विरासत, पिता और ससुराल की संपत्ति में बराबर का हिस्सा, उनके योग्य रोजगार, और वह तमाम संसाधन मुहैया कराने की वकालत करता है,जो एक आम नागरिक को प्राप्त है. यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह एक विधवा को सम्मान दिला कर आपने दायित्वों का निर्वहन करें.
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की शुरुआत कब और किसने की? | अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस का इतिहास | International Widows Day history in hindi
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने वाला एक भारतीय मूल समूह लूंबा फाउंडेशन ने 2005 में विधवाओं के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ पहले अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का आयोजन किया. ब्रिटेन की लूम्बा फाउन्डेशन विश्वभर में विधवाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को लेकर 7 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र संघ में अभियान चला रहे थे. इसी संस्था के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र में विधवाओं के खिलाफ जारी अत्याचारों के आंकड़ों के आधार पर विधवा दिवस घोषित किया.
विश्व में मौजूद सभी विधवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) ने 23 जून 2011 को पहला अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाने की घोषणा की. 2011 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के रूप में नामित करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया (ए/आरईएस/65/189) ताकि विधवाओं के लिए आवश्यक विशिष्ट सहायता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके.
संयुक्त राष्ट्र की मान्यता के परिणामस्वरूप इस दिन की लोकप्रियता बढ़ी, और अब यह पूरे संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण एशियाई देशों और कई अफ्रीकी देशों में व्यापक रूप से मनाया जाता है. वर्ष 2011 से अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस विश्व के इस शोषित वर्ग के उत्थान के लिए मनाया जा रहा है.
विधवाओं द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ | Different Challenges Faced by Widows in hindi
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर, यह समझना अति आवश्यक है की समाज में विधवा औरते को कितने समस्याओ का सामना करना पड़ता है. इनमे से कुछ बहुत ही डरावनी है, इन चुनौतियों से खुद को परिचित कराना महत्वपूर्ण है, जो की इस प्रकार हैं.
- सामाजिक कलंक
- आय की हानि
- मानसिक आघात
- पक्षपात और भेदभाव
यह जानना बहुत जरुरी है की दुनिया भर में अनुमानित 258 मिलियन विधवाएँ हैं, और दस में से लगभग एक अत्यधिक गरीबी में रहती है.
कांगो देश के पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य के कुछ हिस्सों में, उदाहरण के लिए, यह बताया गया है कि लगभग 50 प्रतिशत महिलाएँ विधवा हैं.
यह इतना भयानक है की, दफनाने और शोक संस्कारों के हिस्से के रूप में विधवाओं को हानिकारक, अपमानजनक और यहां तक कि जीवन-धमकी देने वाली पारंपरिक प्रथाओं में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस का मुख्य उद्देश्य क्या है? | What is the main purpose of International Widows Day in hindi?
- इस दिन की स्थापना का उद्देश्य विधवाओं की दुर्दशा के बारे में बातचीत शुरू करना और उस पर कार्रवाई करना था. यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं की प्रति जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है.
- यह दिवस विधवाओं की स्थिति पर प्रकाश डालता है, जिससे पता चलता है कि उन्हें समाज में किस प्रकार की उपेक्षा एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
- ज्यादातर नागरिक समाज संगठन भी समाज के इस उपेक्षित वर्ग की अनदेखी करते हैं. आमतौर पर विधवाओं को समाज से बहिष्कार जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है.
- विधवाओं एवं उनके बच्चों के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार मानव अधिकारों की श्रेणी में गंभीर उल्लंघन है.
- अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के कुछ उद्देश्य इस प्रकार हैं जैसे की इस दिन का एक प्राथमिक उद्देश्य विधवाओं के लिए बेहतर अवसरों की वकालत करना है. तो वही दूसरा उद्देश्य उनके लिए सुरक्षित वातावरण की मांग करना है. अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करना भी है.
- पुरुषप्रधान समाज में अपने जीवनसाथी के खोने के बाद एक विधवा स्त्री के लिए अपनी दैनिक जरूरतों और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरा करना भी मुश्किल हो जाता है. इसलिए 23 जून का यह दिन हम सब को उनके समर्थन में खड़े होने तथा उनकी स्थिति को बेहतर बनाने का अवसर देता है.
- अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विधवाओं की आवाज़ को दबाने की बजाय बढ़ाने में सहायता करता है. इसका प्रमुख उद्देश्य विधवाओं द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों के बारे में जागरूकता फैलाना और उनके पक्ष में नीतियाँ बनाना और उन्हें लागू करना है. जैसे - उनकी विरासत या उनके हक़ के उचित हिस्से की जानकारी का प्रसार, समान वेतन, पेंशन, सामाजिक सुरक्षा के साथ उनके प्रति एक संवेदनशील दृष्टिकोण. संयुक्त राष्ट्र का सुझाव है कि हम सबको दुनिया की सभी विधवाओं के लिए अपने तथा अपने परिवार को चलाने के लिए सशक्त बनाने का प्रयत्न करना चाहिए. इस दिशा में उन सामाजिक कलंकों को दूर करना भी शामिल है जो उनके प्रति बहिष्कार की भावना पैदा करते हैं और भेदभावपूर्ण प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का महत्व क्या है? | What is the significance of International Widows Day in hindi?
- हर साल 23 जून को, विधवाओं की सामाजिक सुरक्षा तथा उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है.
- संयुक्त राष्ट्र ने विधवा दिवस पृष्ठ पर उल्लेख किया है कि यह दिन विधवाओं के लिए पूर्ण अधिकार और मान्यता प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई का अवसर प्रस्तुत करता है.
- अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस, विधवाओं को उनकी विरासत, भूमि और उत्पादक संसाधनों के उचित हिस्से तक पहुंच के बारे में जानकारी प्रदान करने का काम करता है.
- विधवाओं को अपने और अपने परिवार का समर्थन करने के लिए सशक्त बनाने का अर्थ उन सामाजिक कलंक को दूर करना भी है, जो बहिष्करण पैदा करते हैं, और भेदभावपूर्ण या हानिकारक व्यवहार करते हैं.
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस से सम्बंधित अतिआवश्यक जानकारी | Important information related to International Widows Day in hindi
- अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस 23 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है. सभी उम्र, क्षेत्र और संस्कृति की विधवाओं की स्थिति को विशेष पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून, 2011 को पहली बार अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस की घोषणा की थी, जो प्रतिवर्ष मनाया जाएगा.
- विधवाओं और उनके बच्चों से दुर्व्यवहार मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन और आज के विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है.
- दुनिया की लाखों विधवाओं को गरीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर, बीमार स्वास्थ्य जैसी समस्याएं और क़ानून व कस्टम में भेदभाव सहन करना पड़ता है.
- एक अनुमान के अनुसार 115 मिलियन विधवाएं गरीबी में रहती हैं, और 81 मिलियन शारीरिक शोषण का सामना करती हैं.
- एक अनुमान के अनुसार 40 मिलियन विधवाएं भारत में रहती हैं. 15000 विधवाएं उत्तर प्रदेश में मथुरा के पवित्र शहर वृंदावन की सड़कों पर अकेले रहती हैं.
- आमतौर पर विधवाओं को समाज से बहिष्कार जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है. विधवाओं एवं उनके बच्चों के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार मानव अधिकारों की श्रेणी में गंभीर उल्लंघन है.
भारत में विधवाओं के लिए सरकारी योजनाएं | Government Schemes for Widows in India in hindi
भारत सरकार ने विधवाओं के कल्याण, पुनर्वास, सशक्तिकरण, शिक्षा और रोजगार प्रदान करने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं-
- विधवाओं के लिए घर: उत्तर प्रदेश में स्थित वृदांवन विधवाओं के लिए एक सुरक्षित स्थान है जहां स्वास्थ्य सेवाएं, पौष्टिक भोजन, कानूनी और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए 1000 विधवा महिलाओं के लिए एक घर स्थापित किया गया है.
- नारीअर्थिक सशक्तिकरण योजना: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय आय सृजन गतिविधियों को शुरू करने के लिए अनुसूचित जातियों, एकल महिलाओं / विधवाओं का समर्थन करने के लिए नारीअर्थिक सशक्तिकरण योजना लागू करता है.
- स्वाधार गृह योजना: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लागू स्वाधार गृह योजना कठिन परिस्थितियों की शिकार महिलाओं के लिए एक सहायक संस्थागत ढांचे की कल्पना करता है ताकि वे सम्मान और दृढ़ विश्वास के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें.
- पूर्व सैनिकों की विधवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए सहायता: रक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व सैनिकों की विधवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण, गैर-पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं की गंभीर बीमारियों के उपचार और बेटी की शादी/विधवा पुनर्विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
- महिला शक्ति केंद्र योजना: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की महिला शक्ति केंद्र योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से सशक्त बनाना है जिसमें वे अपनी पूरी क्षमता का एहसास करें.
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS): ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) के तहत विधवाओं के लिए पेंशन योजना के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे के बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना संचालित की जाती है.
- राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस): ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस) के तहत रुपये का मौद्रिक अनुदान. कमाने वाले की मृत्यु की स्थिति में शोक संतप्त परिवार को 20,000 रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाती है.
- वृद्ध व्यक्तियों के लिए एकीकृत कार्यक्रम: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए वृद्ध व्यक्तियों के लिए एकीकृत कार्यक्रम लागू करता है.
- दीनदयाल अंत्योदय योजना: ग्रामीण विकास मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए कुशल और प्रभावी संस्थागत मंच तैयार करना है.
- प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-जी): ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-जी) का उद्देश्य महिलाओं के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराना है.
- अन्नपूर्णा योजना: ग्रामीण विकास मंत्रालय की अन्नपूर्णा योजना के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) के तहत वृद्ध व्यक्तियों को दस किलो अनाज दिया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब | Frequently asked questions related to International Widows Day in hindi
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस किस दिन मनाया जाता है? | On which day International Widows Day is observed in hindi?
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस, प्रत्येक वर्ष 23 जून को मनाया जाता है.
पहला अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस कब मनाया गया था? | When was the first International Widows Day observed in hindi?
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस पूरे विश्व में हर साल 23 जून को मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस की शुरुआत क्यों की गयी है? | Why has the International Widows Day been started in hindi?
विश्व में मौजूद सभी विधवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) ने 23 जून 2011 को पहला अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी.
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की शुरुआत कब की गयी थी? | When was the International Widows Day started in hindi?
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की शुरुआत 23 जून 2011 को की गयी थी.
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का मुख्य उद्देश्य क्या है? | What is the main purpose of International Widows Day in hindi?
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का मुख्य उद्देश्य अविकसित या विकासशील देशों में विधवाओं की खराब स्थितियों को लक्षित करना है. यह हर साल 23 जून को हर साल मनाया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 2023 की थीम क्या है? | What is the theme of International Widows Day 2023 in hindi?
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 2023 की थीम 'लिंग समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी' है. (The theme of International Widows Day 2023 is 'Innovation and technology for gender equality'.) विधवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र हर साल इस दिन के लिए एक नई थीम की घोषणा करता है.
विकासशील देशों में विधवाओं को किन प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ता है? | What are the major problems faced by widows in developing countries?
विकासशील देशों में विधवाओं के सामने गरीबी, हिंसा, स्वास्थ्य और संघर्ष संबंधी स्थितियाँ कुछ प्रमुख समस्याएँ हैं.
किस देश में विधवाओं की संख्या सबसे अधिक है? | Which country has the largest number of widows in hindi?
दुनिया में विधवाओं की कुल संख्या का 35.2 प्रतिशत हिस्सा चीन और भारत का है (2015 की रिपोर्ट).
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