Ropeway in Kashi Banaras update in Hindi: जानिये रोपवे परियोजना से जुडी महत्वपूर्ण अपडेट. कैसे रोपवे काशी में टूरिस्म को बढ़ावा दे रहा है? | All about ropeway development status in Kashi Banaras update in Hindi
काशी के आकाशीय अवलोकन के लिए वाराणसी में भारत का पहला Commercial Varanasi Ropeway की सुविधा मिलने वाली है. रोपवे सुविधा के कारण ना सिर्फ यह वाराणसी में ट्रैफिक से मुक्ति दिलाएगी बल्कि यह एक यहाँ आने वाले लोगो के लिए एक आकर्षक केंद्र के रूप में विकसित होगा.
काशी में प्रस्तावित रोपवे का नवीन मार्ग तैयार किया गया है. जिसके अंतर्गत अब गिरिजाघर नहीं, कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक रोपवे जाएगा. बताया जा रहा है की कैंट रेलवे स्टेशन या रोडवेज पर आने वाले यात्री गोंडोला से श्री काशी विश्वनाथ धाम, दशाश्वमेध घाट और गोदौलिया बाज़ार के करीब 3.750 किलोमीटर की दूरी 6.5 मीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से महज़ 17 मिनट में तय हो सकेंगी.
आइये जानते है काशी में बन रहे रोपवे परियोजना के बारे में? इसमें कितना स्टेशन अथवा स्टॉप रहेगा? स्टॉप कौन कौन से होंगे. वर्तमान में इसकी स्थिति क्या है? इस लेख में है उत्तर प्रदेश की रोपवे परियोजना से जुड़े सभी जानकारी प्राप्त करेंगे. (Kashi Banaras Ropeway Project status and update in Hindi)
काशी बनारस रोपवे परियोजना | All about Kashi Banaras Ropeway Project status in Hindi
भगवान भोलेनाथ की प्रीय नगरी काशी को देखने व यहाँ के जीवन का अनुभव करने के लिए लाखों लोग वाराणसी आते हैं, तथा नगर के बढ़ती जनसंख्या के कारण वाराणसी के सड़कों पर भार भी बढ़ता ही जा रहा है. वाराणसी में मेट्रो व लाईट मेट्रो में विलंब को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नगर के यातायात के लिए भारत में पहली बार रोपवे सेवा को क्रियाशील करने की तैयारी है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए गोंडोला यानी रोपवे चलाने का प्रस्ताव लायी है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वाराणसी शहर मे परिवहन को सुगम बनाने के लिए कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोंडोला चलाएगी. काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने और ट्रैफ़िक का दबाव अधिक होने से जाम की स्थिति बनी रहती है. जिससे देशी विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए गोंडोला यानी रोपवे चलेगी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वाराणसी शहर मे परिवहन को सुगम बनाने के लिए कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोंडोला चलाएगी. वाराणसी शीघ्र ही सार्वजनिक परिवहन में रोपवे सेवाओं का उपयोग करने वाला पहला भारतीय शहर बनने वाला है. विश्व भर से बनारस आने वाले यात्रीयों को अब कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक की यात्रा के लिए रोपवे की सुविधा मिलेगी.
काशी में श्रद्धालु गोंडोला यानी रोपवे से कैंट रेलवे स्टेशन से सीधे बाबा विश्वनाथ धाम और गंगा के क़रीब पहुचेंगे. पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है. योगी सरकार की ओर से कैंट स्टेशन से गोदौलिया के बीच इस परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब नए तरीके से धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है. इसके लिए गोंडोला में 228 केबिन होंगे. एक केबिन में 10 लोग सवार होकर 17 मिनट में कैंट से गोदौलिया तक की दूरी तय कर लेंगे. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना के एलाइनमेंट का विस्तृत अध्ययन कर पुनः फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार किया है.
वाराणसी रोपवे में स्टॉपेज/ स्टेशन की संख्या | Kashi Banaras Ropeway Station Name and Route in Hindi
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि नए प्रस्ताव में 5 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं जिसमें पहला स्टेशन कैंट स्टेशन, उसके बाद विद्यापीठ स्टेशन, रथयात्रा स्टेशन, गिरजा घर क्रॉसिंग, जो कि टर्निंग स्टेशन होगा तथा अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौक पर प्रस्तावित किया गया है. कैंट रेलवे स्टेशन या रोडवेज पर आने वाले यात्री गोंडोला से श्री काशी विश्वनाथ धाम, दशाश्वमेध घाट और गोदौलिया बाज़ार के करीब 3.750 किलोमीटर की दूरी 6.5 मीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से महज़ 17 मिनट में तय करेंगे.
वाराणसी रोपवे की खाशियत | Features of Kashi Banaras Ropeway in Hindi
यात्रियों के लिए गोंडोला की सेवा 16 घंटे उपलब्ध रहेगी. गोंडोला में 228 केबिन होंगे. एक केबिन में 10 लोग सवार हो सकेंगे. गोंडोला से सफर करने वाला यात्री को वायु और ध्वनि प्रदुषण से राहत मिलेगी. गोंडोला स्टेशन और ट्राली पर वाराणसी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. रोपवे की ट्राली पर भी काशी की माडल दर्शाया जाएगा. स्टेशन पर एस्केलेटर का भी प्रावधान है. कैंट रेलवे स्टेशन और गोदौलिया चौराहे पर टर्मिनल स्टेशन बनेगा. इस परियोजना की लागत करीब 461.1 9 करोड़ रुपये है.
रोपवे से यात्रा करने वाले यात्री को वायु और ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी. रोपवे स्टेशन और ट्राली पर वाराणसी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. स्टेशन पर एस्केलेटर का भी प्रावधान है. कैंट रेलवे स्टेशन और गोदौलिया चौराहे पर टर्मिनल स्टेशन बनेगा. कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज है, इसलिए कैंट स्टेशन पर रोपवे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को सुविधा होगी.
काशी बनारस रोपवे परियोजना से जुड़े कुछ महत्वपुर्ण सवाल और उनके जवाब | Frequently asked questions about Kashi Banaras Ropeway Project in Hindi
काशी बनारस रोपवे परियोजना में कितने स्टॉपेज/ स्टेशन है तथा इनके नाम क्या है? | Number of station in Kashi Banaras Ropeway Project in Hindi?
वाराणसी में बन रहे काशी रोपवे परियोजना में पांच स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं. इसमें पहला स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन, उसके पश्चात दूसरा है काशी विद्यापीठ, तीसरा है रथयात्रा, तत्पश्चात गिरिजाघर क्रॉसिंग, जो की टर्निंग स्टेशन होगा, एवं अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौराहा प्रस्तावित किया गया है.
काशी बनारस रोपवे परियोजना की लागत कितना है? | What is the cost of Kashi Banaras Ropeway Project in Hindi?
काशी में बन रहे इस रोपवे परियोजना की लागत करीब 461.1 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
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