Mann ki Baat key points in Hindi: जानेिये Mann ki Baat 10 प्रमुख बातें | जाने Mann ki Baat in Hindi में PM Modi ने क्या खास कहा
प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है. मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्तूबर 2014 को प्रसारित किया गया था, और आज 87वें एपिसोड का प्रसारण हुआ.
जाने आज (27 March 2022) के 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा! जाने 10 प्रमुख बातें जिनका प्रधान मंत्री मोदी ने आज जिक्र किया.
आज के मन की बात कार्यक्रम के जरिए उन्होंने कई मुद्दों पर बात की. इनमे ऐतिहासिक निर्यात 400 billion से लेकर भारत का वैश्विक बाजार पर दबदबा तथा बाबा शिवानंद से लेकर स्वछता के बारे में बात की. GeM पोर्टल और जल मंदिर योजना का भी जिक्र किया. आईये जानते है की आज (27 March 2022) के 'Mann Ki Baat' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने और क्या कहा. #MannKiBaat
टॉप 10 प्रमुख बातें | Top 10 keys points of Today's Mann ki Baat in Hindi
- 400 अरब डॉलर का माल निर्यात भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है: पीएम मोदी
- देश, विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं. जब संकल्पों के लिये दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है, तो वो संकल्प, सिद्ध भी होते हैं. जब किसी के संकल्प, उसके प्रयास, उसके सपनों से भी बड़े हो जाते हैं तो सफलता उसके पास खुद चलकर के आती है: PM Modi
- पिछले एक साल में GeM पोर्टल के जरिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चीजें खरीदी हैं: PM मोदी
- 126 वर्षीय बाबा शिवानंद की फिटनेस सभी के लिए प्रेरणा है: मन की बात के दौरान पीएम मोदी
- दुनिया भर में ट्रेंड कर रहा है भारत का योग और आयुर्वेद: पीएम मोदी
- 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था. आज Ayush Manufacturing Industry, एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुँच रही है: PM Modi
- हमें पानी बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए: मन की बात के दौरान पीएम मोदी
- बच्चों ने स्वच्छता को एक आंदोलन के रूप में लिया, 'वाटर वारियर्स' बनकर पानी बचाने में मदद कर सकते हैं: पीएम Modi in 'Mann Ki Baat'
- मैं महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब अंबेडकर से प्रेरणा लेते हुए सभी माता-पिता और अभिभावकों से अपनी बेटियों को शिक्षित करने का आग्रह करता हूं: प्रधानमंत्री मोदी
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भारत का बढ़ता कद | India's growing stature in Hindi
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 30 लाख करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त किया है जो कि ऐतिहासिक है. पहली बार सुनने में लगता है कि ये अर्थव्यवस्था से जुड़ी बात है, लेकिन ये, अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा, भारत के सामर्थ्य, भारत की क्षमता से जुड़ी बात है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सामर्थ्य विश्व में दिख रहा है और विदेशी बाजार में भारत की उत्पादों का दबदबा है.
देश, विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 बिलियन तक हुआ करता था, अब आज, भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. इसका एक ये मतलब ये है कि दुनिया भर में भारत में बनी चीजों की मांग बढ़ रही है. दूसरा मतलब ये है कि भारत की सप्लाई चेन दिनों-दिन मजबूत हो रही है और इसका एक बड़ा संदेश भी है.
देश के कोने-कोने से नए-नए प्रोडक्ट अब विदेश जा रहे!
पीएम मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने से नए-नए प्रोडक्ट अब विदेश जा रहे हैं. असम के हैलाकांडी के लेदर प्रोडक्ट हों या उस्मानाबाद के हैंडलूम उत्पाद, बीजापुर की फल-सब्जियां हों या चंदौली का काला चावल, सबका निर्यात बढ़ रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड में पैदा हुए मिलेट्स मोटे अनाज की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की गयी. आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के बंगनपल्ली और सुवर्णरेखा आम, दक्षिण कोरिया को निर्यात किये गए.
पीएम मोदी ने कहा कि यह 'Make in India' की ताकत है, भारत का विराट सामर्थ्य है, और सामर्थ्य का आधार है – हमारे किसान, हमारे कारीगर, हमारे बुनकर, हमारे इंजीनियर, हमारे लघु उद्यमी, हमारा MSME Sector, ढ़ेर सारे अलग-अलग profession के लोग, ये सब इसकी सच्ची ताकत हैं. इनकी मेहनत से ही 400 बिलियन डॉलर के export का लक्ष्य प्राप्त हो सका है और मुझे खुशी है कि भारत के लोगों का ये सामर्थ्य अब दुनिया के कोने-कोने में, नए बाजारों में पहुँच रहा है. जब एक-एक भारतवासी local के लिए vocal (Local for Vocal) होता है, तब, local को global होते देर नहीं लगती है. आइये, local को global बनाएँ और हमारे उत्पादों की प्रतिष्ठा को और बढायें.
अब छोटे से छोटे दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है!
पीएम मोदी ने कहा कि अब छोटे से छोटे दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है- यही तो नया भारत है. ये न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि उस लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है. इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर आत्मनिर्भर भारत का सपना भी जरुर पूरा करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में GeM पोर्टल के जरिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रु. से ज्यादा की चीज़े खरीदी हैं. देश के कोन-कोने से करीब-करीब सवा लाख लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने की बाबा शिवानंद की चर्चा
हाल ही में हुए पद्म सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा. 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा, पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे. मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर कई लोगों का कमेंट देखा, कि बाबा शिवानंद अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा फिट हैं. वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है. मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूँ. उनमें योग के प्रति एक Passion है और वे बहुत Healthy Lifestyle जीते हैं.
आयुष उद्योग का बाजार लगातार बड़ा हो रहा
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष उद्योग का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है. छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था. आज यह एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रही है.
जल संरक्षण में ‘जल मंदिर योजना’ की बड़ी भूमिका
पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए हम जो भी कुछ कर सकते हैं, वो हमें जरूर करना चाहिए. इसके अलावा पानी की Recycling पर भी हमें उतना ही जोर देते रहना है. घर में इस्तेमाल किया हुआ जो पानी गमलों में काम आ सकता है, Gardening में काम आ सकता है, वो जरुर दोबारा इस्तेमाल किया जाना चाहिए. थोड़े से प्रयास से आप अपने घर में ऐसी व्यवस्थाएं बना सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, मैं तो उस राज्य से आता हूं, जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रही है. गुजरात में कुएं को वाव कहते हैं. गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है. इन कुओं या वावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई.
पीएम मोदी ने विभिन्न भाषाओं का जिक्र किया
पीएम मोदी ने कहा कि 'मन की बात' उसकी एक खूबसूरती ये भी है कि मुझे आपके सन्देश बहुत सी भाषाओं, बहुत सी बोलियों में मिलते हैं. भारत की संस्कृति, हमारी भाषाओं, हमारी बोलियां, हमारे रहन-सहन, खान-पान का विस्तार, ये सारी विविधताएं हमारी बहुत बड़ी ताकत है. पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक भारत को यही विविधता, एक करके रखती हैं, एक भारत-श्रेष्ठ भारत (1 Bharat Shreshtha Bharat) बनाती हैं. इसमें भी हमारे ऐतिहासिक स्थलों और पौराणिक कथाओं, दोनों का बहुत योगदान होता है.
पीएम मोदी ने माधवपुर मेला किया जिक्र
माधवपुर मेला कहाँ लगता है, क्यों लगता है, कैसे ये भारत की विविधता से जुड़ा है? 'माधवपुर मेला' गुजरात के पोरबंदर में समुद्र के पास माधवपुर गाँव में लगता है. लेकिन इसका हिन्दुस्तान के पूर्वी छोर से भी नाता जुड़ता है. आप सोच रहे होंगें कि ऐसा कैसे संभव है. तो इसका भी उत्तर एक पौराणिक कथा से ही मिलता है. कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व भगवान् श्री कृष्ण का विवाह, नार्थ ईस्ट की राजकुमारी रुक्मणि से हुआ था. ये विवाह पोरबंदर के माधवपुर में संपन्न हुआ था, और उसी विवाह के प्रतीक के रूप में आज भी वहां माधवपुर मेला लगता है. East और West का ये गहरा नाता, हमारी धरोहर है. एक सप्ताह तक चलने वाले माधवपुर मेले में नार्थ ईस्ट के सभी राज्यों के आर्टिस्ट (artist) पहुंचते हैं, हेंडीक्राफ्ट (handicraft) से जुड़े कलाकार पहुंचतें हैं, और इस मेले की रौनक को चार चाँद लग जाते हैं. एक सप्ताह तक भारत के पूरब और पश्चिम की संस्कृतियों का ये मेल, ये माधवपुर मेला, एक भारत - श्रेष्ठ भारत (1 Bharat Shreshtha Bharat) की बहुत सुन्दर मिसाल बना रहा है.
SRC: PMO India
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