Matri Pitri Pujan Diwas 2023: क्या होता है मातृ-पितृ पूजन दिवस? कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ? | What is Matri Pitri Pujan Diwas (parents worship day) In Hindi?

Matri Pitri Pujan Diwas 2023: मातृ-पितृ पूजन दिवस क्या होता है ? कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ? | What is Matri Pitri Pujan Diwas In Hindi? | Parents worship day 2023 hindi


14 फरवरी (14 February) सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका से ही नहीं बल्कि माता-पिता से भी प्यार जताने का दिन होता है. 14 फरवरी को देशभर में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जा रहा है. स्कूलों-कॉलेजों में इसके लिए विशेष आयोजन किए जा रहे हैं. कई समितियां और दल इसके लिए युवाओं को जागरूक कर रहे हैं.


अपने संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हिन्दू धर्म में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का प्रचलन है. माता पिता के बलिदानो और उनके कार्यो को सम्मान देने के लिए मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है. हिंदू धर्म ने इस मातृ-पितृ को पूजने के इस दिन को लेकर बड़ी ही रोमांचित कहानी है, जिसे आप पहले भी कई बार देख और सुन चुके होंगे. आइये जानते है इस दिन से जुड़े कहानी और इसके महत्व के बारे में... (Matri pitri diwas manaane ka kaaran kya hai? || All information related to parents worship day)


माता-पिता की पूजा दिवस को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में जाना जाता है. पितृ पूजन दिवस हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है. यह दिन माता-पिता को सम्मान, प्यार और देखभाल देने के लिए समर्पित है, जिसके वे हकदार हैं. माता-पिता के लिए प्यार, सच्चे प्यार और सच्चे वेलेंटाइन को उसके शुद्धतम रूप में मनाकर हर घर और मानव हृदय में एक सामाजिक जागृति लाने के लिए यह पहल शुरू की गई थी. माता-पिता पूजा दिवस माता-पिता और बच्चों के बीच के बंधन का उत्सव है. (Matri Pitri diwas kya hai aur kyo manaya jaata hai?)


इस लेख के माध्यम से है मातृ पितृ पूजन दिवस से जुड़े सभी सवालो के बारे में जानेंगे जैसे की, मातृ पितृ पूजन दिवस क्या है, हम मातृ पितृ पूजन दिवस क्यों मनाते है?, यह दिन कैसे मनाया जाता है? आखिर क्या कारण है मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने का? इस दिन लोगो को खासकर बच्चो को क्या करना चाहिए? इत्यादि (What is Matri Pitri diwas? Why do we celebrate it?)

What is Matri Pitru Pujan Diwas and why is it celebrated in Hindi?
Why Matri Pitru Pujan Diwas is celebrated in Hindi


मातृ पितृ पूजन दिवस क्या है क्यों मनाया जाता है? | What is Matri Pitru Pujan Diwas and why is it celebrated in Hindi? | Why "Parents Worship Day" is celebrated?


[Matri pitri poojan divas kyo manaya jaata hai?] => हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता को भगवान से बड़ा माना जाता है. हिन्दू संस्कृति में हम अपने माता पिता की पूजा करते है. माता-पिता ने हमारे पालन-पोषण में कितना कष्ट उठाया है. हमारे लिए कितना त्याग किया है. इनकी पूजा-अर्चना व सेवा करने से छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी महान बन जाता है. मंदिर में तो पत्थर की मूर्ति में भगवान की भावना की जाती है जबकि जीते जागते माता-पिता एवं गुरुदेव में तो सचमुच भगवान बसे हैं. ऐसे देवस्वरूप माता-पिता का जहाँ आदर-पूजन होता हो वहाँ की धरती माता भी अपने आपको सौभाग्यशाली मानती है. 14 फरवरी के दिन देशभर में मातृ-पितृ पूजन दिवस भी मनाया जा रहा है. सनातन, संस्कृति और संस्कारों का यह एक बहुत बड़ा महत्व है. (Why do we celebrate Matri Pitri diwas?)


माता-पिता की सेवा करनेवाला स्वयं चिरआदरणीय बन जाता है. इस सिद्धांत को जिन्होंने भी अपनाया वे खुद भी आदरणीय और पूजनीय बन गये, फिर चाहे वे भगवान गणेशजी हों, भगवान श्रीरामचंद्रजी हों, भीष्म पितामह हों अथवा एक साधारण सा बालक श्रवणकुमार हो.


[Matri pitri poojan divas (Parents worship day) kyo manaai jaati hai?] =>माता-पिता को सम्मान देने के लिए मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है. यह दिवस उनके सभी बलिदानों को धन्यवाद करने के लिए समर्पित होता है. बच्चों को यह पता नही होता है कि माँ-बाप कितना कष्ट सहकर एक बच्चे लालन-पालन करते है. यह उनको तब पता चलता है जब वह स्वयं माता/पिता बन जाते हैं. श्रवण कुमार जैसा पुत्र पाने पर माता-पिता को गर्व होता है जो उनके हर आज्ञा का पालन करता हो.


आज के दौर में तो बेटे अपने माता-पिता को वृद्धा आश्रम भेज देते है. क्या ऐसे पुत्र कभी भी अपने मातृ-पितृ ऋण से मुक्त हो पायेंगे. इन्हें भी इनके कर्मों का फल मिलेगा जब ये बूढ़े हो जायेंगे तो इनके पुत्र भी इनके साथ ऐसा ही व्यवहार करेगे. इंसान को अपने कर्मों के अनुसार ही फल का भोग इसी पृथ्वी पर करना पड़ता है. (This is the reason behind celebration of Parents Worship Day)


Parent's Worship Day, जिसे आमतौर पर मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में जाना जाता है, यह दिवस 14 फरवरी को देश भर में इसलिए मनाया जाता है, ताकि हमारे युवाओं को शातिर वेलेंटाइन डे मनाने से बचाया जा सके. वैलेंटाइन डे के सभी दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए पितृ पूजन दिवस की शुरुआत की गई है. युवावस्था वासना और कामुक आनंद में खुद को नष्ट कर लेती है, कई गलत काम करते है, धोखा खाते है और अंत में निराशा, अवसाद में गिर जाते है, और कभी-कभी स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि वे आत्महत्या कर लेते हैं. इसलिए इन सब कुरीतियों से छुटकारा पाने के लिए माता-पिता की पूजा करें और जीवन भर सफल रहें! यही कारण है की "मातृ पितृ पूजन दिवस" की शुरुआत की गई है. (Reason why parants worship day is celebrated in hindi)


मातृ-पितृ पूजन दिवस की कहानी | Matri Pitri Pujan Diwas story in Hindi


[Maatri-pitri poojan divas ki kahani] => पौराणिक कथाओ के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश और कार्तिकेय के बीच होड़ लगी कि, कौन बड़ा है? इस बात का निर्णय लेने के लिए शिव-पार्वती जी ने दोनों से कहा कि जो संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके सबसे पहले यहां पहुंचेगा, उसी को बड़ा माना जाएगा. 


ये बात सुन भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मयूर(मोर) लेकर पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल पड़े. लेकिन भगवान गणेश चुपके से एकांत में जाकर बैठ गए और सोचने लगे. कुछ देर बाद वो उठे और झट से माता पार्वती और पिता शिव के पास जाकर हाथ जोड़कर बैठ गए. भगवान गणेश ने दोनों की आज्ञा लेकर अपने माता-पिता को ऊंचे स्थान पर बिठाया, उनके चरणों की पूजा की और परिक्रमा करने लगे. (Parents Worship Day story in hindi)


एक-एक कर भगवान श्री गणेश ने अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा की. ये सब देख माता -पार्वती ने पूछा, वत्स! ये परिक्रमाए क्यों की? इस पर श्री गणेश ने जवाब दिया और कहा, सर्वतीर्थमयी माता... सर्वदेवमयो पिता... यानी सारी पृथ्वी की परिक्रमा करने से जो पुण्य होता है, वही पुण्य माता की परिक्रमा करने से हो जाता है. पिता का पूजन करने से सब देवताओं का पूजन होता है क्योंकि पिता देवस्वरूप हैं, यह शास्त्रवचन है.


क्या होता है मातृ-पितृ पूजन दिवस के दिन ? | What happens on Matri Pitri Pujan Diwas in Hindi?


  • जिस प्रकार माता पिता हमारे लिए दिन रात मेहनत करते है. हमारे लिए अपना सर्वस्व त्याग करते है. हमारा यह कर्त्तव्य है की उन्हें हम सम्मान दे. सम्मान और आदर वैसे तो पुरे वर्ष जीवन करना चाहिए. लेकिन साल में कोई एक दिन ऐसा होना चाहिए जो सिर्फ उनको समर्पित हो, इसलिए मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है.(Matri Pitri Pujan Diwas ke din kya karna chahiye?)
  • इस दिन बच्चे अपने माता पिता का सम्मान करते है, उनकी पूजा करते है, उन्हें उनके द्वारा त्याग के लिए धन्यवाद स्वरुप जो हो सके उपहार देते है.
  • बच्चे जितना हो सके उतना आज के दिन अपने माता पिता का कार्य कर उन्हें आराम देने की चेष्टा करते है और आगे जीवन में कोई संकट ना आये इसके लिए संकल्प लेते है.
  • इस अवसर पर स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कर इस दिन का महत्व बताया जाता है.
  • इस दौरान जगह जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है. जिसमे माता-पिता की सेवा कर अनूठी मिशाल पेश करने वाली संतान को सम्मानित आदि किया जाता है. सामूहिक रूप से वैदिक मंत्रोच्‍चार के साथ माता पिता का पूजन होता है. (This is what we need to do on Parents Worship Day)


कैसे मनाया जाता है मातृ-पितृ पूजन दिवस? | How Matri-Pitri Pujan Diwas is celebrated in Hindi

[How to celebrate Matri-Pitri Pujan Diwas (Parents worship day)] => इस दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें, और उनके सिर पर पुष्प रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें. संतान अपने माता-पिता के गले लगे, इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा.  बेटे-बेटियाँ माता-पिता में ईश्वरीय अंश देखें, और माता-पिता बच्चों में ईश्वरीय अंश देखें ! आइये जानते है इस दिन बच्चे कैसे अपने माता पिता की पूजा कर सकते है? कैसे वे मातृ-पितृ पूजन दिवस मना सकते है?

  • अपने माता-पिता को किसी ऊंचे आसन पर बिठाएं.
  • माता-पिता के माथे पर कुमकुम का तिलक करें.
  • माता-पिता के सिर पर पुष्प और अक्षत रखें, फूलमाला पहनाएं और आरती करें.
  • अब माता-पिता की सात परिक्रमा करें.
  • आखिर में माता-पिता की सेवा करने का दृढ़ संकल्प करें.
  • माता - पिता तो वैसे ही बच्चों पर मेहरबान होते हैं, वैसे ही बच्चों का भला चाहते हैं और जब बच्चों से पूजित होंगे तो उनके अंतरात्मा का भी आशीर्वाद बच्चों को मिलेगा. बच्चों का भी भला, माँ-बाप का भी भला !(This is how we celebrate Parents Worship Day)
  • माता पिता का पूजन करने से काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा.


वैलेंटाइन डे 2022 की जगह मातृ पितृ पूजन दिवस क्यों मनाएं || Why to Celebrate Parents Worship Day instead of Valentine's Day in hindi

  • "मातृ पितृ पूजन दिवस" की शुरुआत की देश के भावी पीढ़ियों को, हमारे युवाओं को वैलेंटाइन डे के सभी दुष्प्रभावों से दूर करने के लिए चालु किया गया है.
  • युवावस्था वासना और कामुक आनंद में खुद को नष्ट कर लेती है, कई गलत काम करते है, धोखा खाते है, और अंत में निराशा, अवसाद में गिर जाते है, और कभी-कभी स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि वे आत्महत्या कर लेते हैं.
  • प्रेम-दिवस ( वेलेन्टाइन डे | Valentines Day ) के नाम पर विनाशकारी कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन, जल्दी बुढ़ापा और मौत लाने वाला साबित होता है. अतः भारतवासी इस अंधपरंपरा से सावधान हों !
  • "इन्नोसेन्टी रिपोर्ट कार्ड" के अनुसार 28 विकसित देशों में हर साल 13 से 19 वर्ष की 12 लाख 50 हजार किशोरियाँ गर्भवती हो जाती हैं. उनमें से 5 लाख गर्भपात कराती हैं और 7 लाख 50 हजार कुँवारी माता बन जाती हैं
  • अमेरिका में हर साल 4 लाख 94 हजार अनाथ बच्चे जन्म लेते हैं, और 30 लाख किशोर-किशोरियाँ यौन रोगों के शिकार होते हैं.
  • यौन संबन्ध करने वालों में 25% किशोर-किशोरियाँ यौन रोगों से पीड़ित हैं. असुरिक्षित यौन संबंध करने वालों में 50% को गोनोरिया, 33% को जैनिटल हर्पिस और एक प्रतिशत को एड्स का रोग होने की संभावना है. एड्स के नये रोगियों में 25% 22 वर्ष से छोटी उम्र के होते हैं. आज अमेरिका के 33% स्कूलों में यौन शिक्षा के अंतर्गत ‘केवल संयम’ की शिक्षा दी जाती है. इसके लिए अमेरिका ने 40 करोड़ से अधिक डॉलर (20 अरब रूपये) खर्च किये हैं. (This is the reason why should we go for parents worship day instead of valentines day)


Valentine’s Day History: जानें 14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे, जाने इस दिन से जुड़ी खास Kahani और Itihaas


मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने के क्या फायदे है? || Benefits of celebrating Mother Father Worship Day in hindi?

  • इस दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें और उनके सिर पर पुष्ष रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें. संतान अपने माता-पिता के गले लगे. इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा.
  • माता पिता का पूजन करने से काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा.
  • माँ-बाप का आदर करने वाले बच्चों की आयु, विद्या, यश और बल बढ़ते हैं.
  • कन्याओं और किशोरों का कल्याण हो ऐसा वातावरण बना है.
  • बच्चे-बच्चियों की रक्षा होगी और आने वाली संतति का भविष्य उज्जवल होगी.
  • माता-पिता का आदर करने वाले विद्यार्थी पढ़ाई में श्रेष्ठ परिणाम पा सकते हैं.
  • यह सच्चा प्रेम दिवस है, माता-पिता के हृदय में स्थित भगवान प्रसन्नता बच्चो पर छलकेगी इससे माता-पिताओं का भी कल्याण होगा और बच्चे-बच्चियों का परम कल्याण होगा.
  • युवा पीढ़ी को नैतिक जीवन जीने का प्रोत्साहन मिला है.
  • अपने परम्परागत नैतिक मूल्यों की रक्षा होगी.
  • युवा पीढ़ी विषय विकारों की आँधी में न बहकर संयम-सदाचार से युक्त स्वस्थ, सुखी एवं सम्मानित जीवन जीये. अपने लिये, माता-पिता के लिए खुशहालियाँ पैदा करने वाली सदभावना से, संयम से उनका मंगल होगा और उनसे मिलने वाले का भी आनंद-मंगल होगा. (Maatri pitri poojan divas manaane ke phaayade?)


मातृ पितृ पूजन दिवस शुभकामना सन्देश | Parents Worship Day Matri Pitri Pujan Diwas Wishes Quotes in Hindi 


चरण पूज लो मात पिता के, इनसे बड़ा ना देव कोई होगा|

प्यार और अनुशासन का संगम हैं ये, इनके आशीर्वाद से ही जीवन सफल होगा ||


माता पिता ही सच्चे गुरु है, जिनमे निहित है व्यहारिक ज्ञान|

जीने की कला सिखाते हैं वो, ना करना कभी इनका अपमान||


दुनिया की सारी दौलत से, माता - पिता हैं मूल्यवान |

उपकार बहोत ही हैँ इनके, सदा करो इनका सम्मान ||


जो हर मोड़ पे देते साथ सदा, जिन्होंने हमारे लिये अपने सपनें दफनाएं ||

नतमस्तक होकर मात - पिता के चरणों में, अपना जीवन सफल बनायें ||


अपनी खुशियों को दरकिनार कर, बच्चों की खुशी के लिए जो जियें सदा |

आप पर बना रहे उनका विश्वास, अच्छी संतान का अपना फ़र्ज़ करो अदा ||


वन्दन है उन मात-पिता को, जिन्होंने हमको जीवन दान दिया |

जीवन भर ऋणि रहेंगे उनके, हम पर है बड़ा एहसान किया ||


बंद किस्मत के लिये कोई ताली नही होती, सुखी उम्मीदों की कोई डाली नही होती | 

जो झुक जाए माँ -बाप के चरणों में । उसकी झोली कभी खाली नही होती ||


हर रिश्ते में मिलावट देखी, कच्चे रंगों की सजावट देखी |

लेकिन सालों साल देखा है ‪‎माँ‬ को, उसके चेहरे पे न थकावट देखी, न ममता में मिलावट देखी ||


माता पिता का साथ, उनका विस्वास, जीवन का सच शुख है |

उनके चरणो में शीश झुके हमेशा, यही हमारा परम-धर्म है ||


फूल कभी दो बार नहीं खिलते, जन्म कभ दो बार नही मिलते |

मिलने को तो हजारो लोग मिल जाते है, पर हजारो गलतियाँ माफ़ करने वाले माँ-बाप नहीं मिलते है ||


ना जरूरत उसे पूजा और पाठ की |

जिसने सेवा कर ली अपने माँ-बाप की ||


जो माँ-बाप की मजबूरी समझकर, अपने हालात को बदलते है ||

वही बच्चे आगे चलकर, दुनिया में बड़ा नाम करते है ||


मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत है |

वो मेरे माता-पिता की बदौलत है ||


जो माँ-बाप के हर अरमान पूरे कर दे, उनके हर सपनों को साकार कर दे |

ऐसे बेटे मातृ-पितृ ऋण से मुक्त होते है, जो उनके दामन को खुशियों से भर दे ||


घेर लेने मुझको जब भी बलाएँ आ गई |

ढाल बनकर सामने माँ-बाप की दुआएँ आ गई ||


जिसने माँ-बाप को ही अपना खुदा माना |

उसने हकीकत में इस दुनिया को जाना ||


इज्जत भी मिलेगी, दौलत भी मिलेगी |

माँ-बाप की सेवा करो जन्नत भी मिलेगी ||


सबसे पहले मात-पिता का कर वंदन, उसके बाद गुरुकृपा का अवलंबन |

जिसने यह उपहार दिए उस ईश्वर का बारम्बार अभिनंदन ||


सूर्य पिता जीवन उजियारा, मां चंदा ममता की धारा |

जैसे बरसे नूर खुदा का, हमे मिला यह दिव्य सहारा ||


जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूं |

मैं उस खुदा के बाद अपने माँ-बाप को जानता हूं ||


मातृ पितृ पूजन दिवस त्यौहार से जुडी महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब || FAQ related to Matri Pitra Poojan Day festival in hindi


मातृ पितृ पूजन दिवस मनाना कब से शुरू हुआ है? || When was celebration of Mother Father (Parents) Worship Day started in hindi?

Year 2007 => मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2007 से शुरू हुई है.


मातृ पितृ पूजन दिवस त्यौहार मनाने की शुरुआत किसने की है? || Who has started the celebration of Mother Father (Parents) Worship Day festival in hindi?

Sant Shri Asharamji Bapu => मातृ पितृ पूजन दिवस त्यौहार मनाने की शुरुआत "संत श्री आशारामजी बापू" ने की है.


मातृ पितृ पूजन दिवस कब मनाया जाता है? || When is Mother Father (parents) Worship Day celebrated in hindi?

14 February =>  मातृ पितृ पूजन दिवस 14 फरवरी को मनाया जाता है.


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