Rashtriya Mahila Aayog Diwas 2022: राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वां स्थापना दिवस पर बोले PM Modi- महिला कौशल से ही देश का विकास संभव
राष्ट्रीय महिला आयोग का 30वे स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा लड़कियों के विवाह की उम्र 21 साल इसलिए की ताकि कम उम्र में शादी बेटियों के करियर में बाधा न बने
न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. महिला आयोगों को चाहिए कि समाज की entrepreneur में महिलाओं की इस भूमिका को ज्यादा से ज्यादा पहचान मिले, उसे प्रमोट किया जाए.
भारत की बढती ताकत में महिलाओ की भागीदारी बढ़ रही है
नए भारत में भारत का नया ताकत दिखाई दे रहा है. हर क्षेत्र में महिलाये बढ़ चढ़ के हिस्सा ले रही है. आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की इसी क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ रहा है. खेलों में भी भारत की बेटियाँ दुनिया में कमाल कर रही हैं, ओलंपिक्स में देश के लिए मेडल जीत रही हैं. कोरोना महामारी के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई पूरे देश ने लड़ी, इसमें हमारी नर्सेस ने, डॉक्टर्स ने, women scientists ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई है.
- प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया
- देश के सभी महिला आयोगों को अपना दायरा बढ़ाना होगा और अपने राज्य की महिलाओं को नई दिशा भी देनी होगी
- आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ रहा है.
- 2016 के बाद बने 60 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स में, 45 प्रतिशत के पास कम से कम एक महिला निदेशक हैं.
- 2015 से अब तक, 185 महिलाओं को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. इस साल विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार पाने वालों में 34 महिलाएं शामिल हैं, यह एक रिकॉर्ड है.
- आज भारत उन देशों में है जो अपने यहां सबसे अधिक मातृत्व अवकाश देता है.
- जब कोई सरकार महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देती है, तो महिलाएं उसकी सत्ता से विदाई सुनिश्चित कर देती हैं.
सदियों से भारत की ताकत हमारे छोटे स्थानीय उद्योग रहे हैं, जिन्हें आज हम एमएसएमई कहते हैं. इन उद्योगों में जितनी भूमिका पुरुषों की होती है, उतनी ही महिलाओं की होती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरानी सोच वालों ने महिलाओं के स्किल्स को घरेलू कामकाज का ही विषय मान लिया था. देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए इस पुरानी सोच को बदलना जरूरी है. मेक इन इंडिया आज यही काम कर रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की इसी क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ रहा है. परिणाम हमारे सामने है. आज मुद्रा योजना की लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं है. देश में पिछले 6-7 वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है. इसी तरह, 2016 के बाद 60 हजार से ज्यादा नए स्टार्टअप्स बने हैं, इनमें से 45 प्रतिशत में कम से कम एक महिला निदेशक हैं.
बदलते हुए भारत में महिलाओं की भूमिका का निरंतर विस्तार हो रहा है. न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने बताया कि 2015 से लेकर अब तक, 185 महिलाओं को उनके अभूतपूर्व कार्यों के लिए पद्म सम्मान दिया गया है. इस वर्ष भी, 34 पद्म पुरस्कार अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं को मिले हैं. यह अपने आप में रिकॉर्ड है क्योंकि आजतक कभी इतनी ज्यादा महिलाओं को पद्म सम्मान नहीं मिला है.
एक समय था जब देश में महिला सशक्तीकरण को सीमित दायरे में देखा जाता था, गांव में गरीब परिवारों की महिलाएं इससे दूर थीं. आज महिला सशक्तीकरण का चेहरा वो 9 करोड़ गरीब महिलाएं भी हैं जिन्हें पहली बार गैस कनेक्शन मिला है, धुएं से आजादी मिली है. आज महिला सशक्तीकरण का चेहरे वो करोड़ों माताएं-बहनें भी हैं जिन्हें उनके घर में शौचालय मिला है. महिला सशक्तीकरण का चेहरा वो माताएं हैं जिनके सिर पर पक्की छत मिली है, जिनके नाम से प्रधानमंत्री आवास बने हैं. करोड़ों महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के समय सहायता मिलती है, जनधन बैंक खाता मिलता है, सरकार की सब्सिडी सीधे महिलाओं के खाते में जमा होती है तो ये महिलाएं महिला सशक्तीकरण और बदलते हुए भारत का चेहरा बनती हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाएं जब कुछ ठान लेती हैं तो उसकी दिशा नारी ही तय करती है. जिन सरकारों ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी, महिलाओं ने उन्हें सत्ता से हटाना सुनिश्चित किया है. श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आज सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है. रेप के जघन्य मामलों में फांसी का प्रावधान किया गया है. देशभर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जा रही हैं और थानों में महिला डेस्क की संख्या बढ़ाना हो, 24 घंटे हेल्पलाइन, साइबर क्राइम से निपटने के लिए पोर्टल जैसे अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग (Rashtriya Mahila Aayog) क्या है? | What is Rashtriya Mahila Aayog in Hindi
महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 (भारत सरकार की 1990 की अधिनियम सं. 20) के अंतर्गत जनवरी 1992 में संवैधानिक निकाय के रूप में निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए की गई थी.
- महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी संरक्षण की समीक्षा करना
- सुधारात्मक वैधानिक उपायों की अनुशंसा
- शिकायतों के सुधार की सुविधा प्रदान करना
- महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत तथ्यों पर सरकार को सलाह देना