What is Surrogacy in hindi : आखिर क्या होती है सरोगेसी, जिससे Priyanka Chopra बनीं मां, भारत में क्या हैं इसके नियम?

What is Surrogacy meaning in hindi : जानिए सरोगेसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी, सरोगेसी क्या होता है, कितना आता है खर्च, कैसे होता है बच्चे का जन्म, सरोगेसी से जुड़े नियम कानून | Surrogacy meaning, types, process, full information in hindi


इन दिनों पूरे भारत में सरोगेसी (Surrogacy) यानि स्थानापन्न मातृत्व/किराए की कोख काफी चर्चे में है. इसका मतलब आसान भाषा में अगर समझा जाए तो सरोगेसी का मतलब है किसी और की कोख से अपने बच्चे को जन्म देना. अगर कोई पति-पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे हैं, तो किसी अन्य महिला की कोख को किराए पर लेकर उसके जरिए बच्चे को जन्म देना सरोगेसी की प्रक्रिया (Surrogacy Process) कही जाती है. बच्चा पैदा करने के लिए जिस महिला की कोख को किराए पर लिया जाता है, उसे सरोगेट मदर (Surrogate Mother) कहा जाता है.

सरोगेसी के बारे में बहुत से लोगों ने सुना है, लेकिन उन्हें सरोगेसी के बारे सही जानकारी नहीं होती. आइये जानते है की आखिर क्या होती है सरोगेसी जिससे Priyanka Chopra बनीं मां? (meaning of surrogate in hindi) और सरोगेसी प्रक्रिया में क्या होता है? इस लेख में हम सरोगेसी से जुड़े सभी सवालों और उनके जवाबो को जानेंगे.

What is Surrogacy meaning in hindi


जब एक कपल शादी के बंधन में बंधता है, तो उनका जीवन पूरी तरह बदल जाता है. लेकिन कहते हैं जीवन में सबसे बड़ा सुख तब मिलता है, जब कोई कपल माता-पिता बनता है. बच्चे के आगमन से घर में खुशियां तो आती ही हैं, साथ ही माता-पिता बनने के बाद दंपत्ति का जीवन पूरी तरह बदल जाता है. एक मां अपने बच्चे को 9 महीने तक अपने पेट में रखती हैं, और तब कहीं जाकर बच्चे का जन्म होता है. 

सरोगेसी क्या है? | What is meaning of Surrogacy in Hindi


बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है. सरोगेसी का मतलब होता है कि अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी महिला के कोख में बच्चे को पालना. जो कपल पैरेंट बनना चाहते हैं लेकिन वह बच्चा पैदा करने में किसी कारण से असमर्थ है अथवा बच्चा पैदा नहीं करना चाहते वह ऐसा करते हैं. इसमें पुरुष के स्पर्म उस महिला के कोख में प्रितरोपित करते हैं जिसकी कोख किराए पर ली जाती है. इसके बाद वह महिला प्रेग्नेंट होती है और बच्चे को जन्म देती है. यानी सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. 

सरोगेसी से बच्चा पैदा करने के पीछे कई वजहें होती हैं. जैसे कि कपल को कोई मेडिकल से जुड़ी समस्या, गर्भधारण से महिला की जान को खतरा या कोई दिक्कत होने की संभावना है या फिर कोई महिला खुद बच्चा पैदा नहीं करना चाहती है. अपनी कोख में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर (Surrogate Mother) कहा जाता है.

सरोगेसी के जरिये बच्चे की चाह रखने वाले कपल और सरोगेट मदर के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है. इसके तहत, प्रेग्नेंसी से पैदा होने वाले बच्चे के कानूनन माता-पिता सरोगेसी कराने वाले कपल ही होते हैं. सरोगेट मां को प्रेग्नेंसी के दौरान अपना ध्यान रखने और मेडिकल जरूरतों के लिए पैसे दिए जाते हैं ताकि वो गर्भावस्था में अपना ख्याल रख सके. 

सरोगेट मदर कौन होते है? | What is Surrogate Mother in hindi?


जो औरत अपनी कोख में दूसरे बच्चे को पालती है, वह सरोगेट मदर कहलाती है. सरोगेसी प्रक्रिया को करने वाली महिला ही सरोगेट मदर (Surrogate Mother) कहलाती है. सरोगेट मदर बनने का निर्णय पूर्ण रूप से महिला की इच्छा से होता है. किसी भी तरह की जबरदस्ती करके यह फ़ैसला नहीं करवाया जा सकता है. माता-पिता और सरोगेट माँ के बीच एक अनुबंध किया जाता है कि भ्रूण बनने के बाद से लेकर शिशु के जन्म तक की देख-रेख उनकी निगरानी में होगी. साथ ही बच्चे पर केवल माता-पिता का ही हक होगा. इस प्रक्रिया में माता-पिता को इंटेंडेड पेरेंट्स (Intended Parents) कहा जाता है, और यह तीसरा प्रजनन पक्ष (Third Party Reproduction) कहलाता है. 

सरोगेसी करने का कारण क्या है? | What is the reason for choosing surrogacy in hindi?


जिन महिलाओं के गर्भाशय या अंडाशय में कोई समस्या होती है या किसी अन्य कारण से वह माँ बनने में असक्षम होती है, सरोगेसी के ज़रिए वह माँ बनने का सुख प्राप्त कर सकती है. सरोगेसी से बच्चा पैदा करने की कई वजहें हैं. जैसे कि कपल के अपने बच्चे नहीं हो पा रहे हैं. महिला बच्चे पैदा न करना चाह रही हो. गर्भधारण से जान जाने का खतरा हो. कुछ महिलाये अपने फिगर को लेकर बच्चे पैदा नहीं करना चाहतीं. कुछ का तो यह भी तर्क होता है कि अपनी लाइफ स्टाइल की वजह से उन्हें नौ महीने तक इस स्ट्रेस से गुजरना ठीक नहीं लगता. सरोगेसी कई बार पुरुष के शुक्राणु की समस्या की वजह से भी करवाया जा सकता है.

सरोगेसी कितने प्रकार की होती है? | Types of Surrogacy in hindi


ट्रेडिशनल सरोगेसी (Traditional Surrogacy in Hindi) - एक ट्रेडिशनल सरोगेसी जिसमें होने वाले पिता या डोनर का स्पर्म सरोगेट मदर के एग्स से मैच कराया जाता है. फिर पिता के शुक्राणुओं को किसी एक अन्य महिला के अंडे के साथ निषेचित किया जाता है. जिसमें बच्चे का जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है, माता से नहीं. इस सरोगेसी प्रक्रिया में सरोगेट मदर ही बॉयोलॉजिकल मदर (जैविक मां) होती है.

जेस्टेशनल सरोगेसी (Gestational Surrogacy in Hindi) - जेस्टेशनल सरोगेसी में परखनली प्रक्रिया यानि आई वी एफ के ज़रिए माता-पिता के अंडे व शुक्राणुओं को लेकर भ्रूण तैयार किया जाता है. जिसको फिर सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है. इस प्रक्रिया में बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है. इस प्रकार की सरोगेसी प्रक्रिया में सरोगेट माँ (Surrogate Mother) का बच्चे के साथ कोई भी आनुवंशिक संबंध नहीं होता है. इस सरोगेसी प्रक्रिया में सरोगेट मदर का बच्चे से संबंध जेनेटिकली नहीं होता है. सरोगेट मदर बच्चे की बायोलॉजिकल मां नहीं होती है. 

भारत में सरोगेसी से जुड़े नियम और क़ानून | Surrogacy rules and regulations in India in India


सरोगेसी का दुरूपयोग रोकने के लिए सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2019 पास करने का प्रस्ताव रखा गया है. लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के द्वारा इस बिल को पेश किया गया था. इस बिल में नेशनल सरोगेसी बोर्ड, स्टेट सरोगेसी बोर्ड के गठन की बात है. वहीं सरोगेसी की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है.

भारत में सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए तमाम नियम तय किए गए हैं. ज्यादातर गरीब महिलाएं आर्थिक दिक्कतों के चलते सरोगेट मदर बनती थीं. सरकार की तरफ से इस तरह की कॉमर्शियल सरोगेसी पर अब लगाम दी गई है. 2019 में ही कॉमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाया गया था. जिसके बाद सिर्फ मदद करने के लिए ही सरोगेसी का विकल्प खुला रह गया है. कॉमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाने के साथ ही नए बिल में अल्ट्रस्टिक सरोगेसी को लेकर भी नियम-कायदों को सख्त कर दिया गया था.

सरोगेसी की अनुमति सिर्फ संतानहीन विवाहित दंपतियों को ही मिलेगी. साथ ही सरोगेसी की सुविधा का इस्तेमाल लेने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होंगी. जैसे जो महिला सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार होगी, उसकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान सरोगेसी की सुविधा लेने वाले को रखना होगा. सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर के पास मेडिकल रूप से फिट होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए, तभी वह सरोगेट मां बन सकती है. वहीं सरोगेसी का सहारा लेने वाले कपल के पास इस बात का मेडिकल प्रमाण पत्र होना चाहिए कि वो इनफर्टाइल हैं.  

2016 में सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस बिल को लाया गया था. मगर अब इसके नए प्रारूप को सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2019 नाम से पेश किया गया है. हालांकि, सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 में कई तरह के सुधार किए गए. इसमें किसी भी 'इच्छुक' महिला को सरोगेट बनने की अनुमति दी गई थी.

जानिए, इन स्थितियों में बेहतर विकल्प होती है सरोगेसी


  • आईवीएफ उपचार फेल हो गया हो.
  • बार-बार गर्भपात हो रहा हो.
  • भ्रूण आरोपण उपचार की विफलता के बाद.
  • गर्भ में कोई विकृति होने पर.
  • गर्भाशय या श्रोणि विकार होने पर.
  • दिल की खतरनाक बीमारियां होने पर. जिगर की बीमारी या उच्च रक्तचाप होने पर या उस स्थिति में जब गर्भावस्था के दौरान महिला को गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम होने का डर हो.
  • गर्भाशय के अभाव में.
  • यूट्रस का दुर्बल होने की स्थिति में
  • पुरुष के शुक्राणु में विकृति उत्पन्न होने के स्थिति में

जानवरों में भी होती है सरोगेसी प्रक्रिया | Surrogacy process in animals in hindi


अभी तक आपने सेरोगेसी प्रक्रिया सिर्फ इंसानों में ही सुनी होगी पर परन्तु यह प्रक्रिया जानवरों में भी होती हैं. आज से चार साल पहले यूपी सरकार ने गाय की खास नस्ल को बचाने के लिए सरोगेसी का सहारा लेने का फैसला लिया था. गाय की इस खास नस्ल का नाम ‘गंगातीरी’ है. किसी जमाने में यह प्रजाति इलाहाबाद से बलिया तक गंगा के किनारे मिलती थी, लेकिन इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है. ऐसे में रोज 10 से 15 लीटर दूध देने वाली गंगातीरी गायों को बचाने के लिए राज्य के पशुधन विकास विभाग ने 290 गंगातीरी नस्ल की गायों की कोख किराए पर लिया था. यह गायें सरोगेट मदर जैसी थी, जिनसे पैदा होने वाले बछड़े और बछिया गंगातीरी की नस्ल को आगे बढ़ाने के काम आये.

सरोगेसी से जुड़े सवाल और उनके जवाब | Frequently asked questions about Surrogacy in hindi 


सरोगेट माँ कैसे गर्भवती होती है? 
"इन विट्रो फर्टिलाइजेशन" (आई वी एफ) तकनीक की मदद से माँ के अंडे को पिता के शुक्राणु के साथ लैब में निषेचित किया जाता है, और निषेचित अंडे यानि भ्रूण को एक सरोगेट महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है.

क्या सरोगेट माँ के डीएनए (DNA) का अंश बच्चे में मौजूद होगा?
बच्चे में सरोगेट माँ का कोई डी एन ए मौजूद नहीं होगा. हालाँकि, यह निर्भर करेगा सरोगेसी के प्रकार पर, इसलिए सरोगेसी यात्रा शुरू करने से पहले, सरोगेसी के प्रकारों के बीच के अंतर को समझना महत्वपूर्ण है.

क्या बच्चे सरोगेट माँ की तरह दिखते हैं? 
यह निर्भर करता है सरोगेसी के प्रकार पर की बच्चा सरोगेट माँ की तरह दिखेगा या नहीं. ट्रेडिशनल सरोगेसी के मामले में बच्चा सरोगेट माँ की तरह दिख सकता है, और जेस्टेशनल सरोगेसी के मामले में बच्चा सरोगेट माँ की तरह नहीं दिखता है.

Topic covered


सरोगेसी क्या होती है? | सरोगेसी का क्या मतलब है? | सरोगेसी कैसे होती है क्या है इसकी प्रक्रिया? | सरोगेसी का कारण क्या होती है? | सरोगेसी कितने प्रकार की होती है? | सरोगेट माँ कैसे गर्भवती होती है? | सरोगेट मदर कौन होती है? | सरोगेसी में कितना खर्च आता है भारत में | सरोगेसी में कैसे होता है बच्चे का जन्म | सरोगेसी से जुड़े नियम और कानून भारत में | स्थितिया जिनमे बेहतर विकल्प होती है सरोगेसी

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