1 Bharat Shreshtha Bharat : तीर्थस्थल और पर्यटन हमारी राष्ट्रीय एकता का, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं - प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21 जनवरी, २०२२ को सोमनाथ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नए सर्किट हाउस का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा हमारे देश में अनेक तीर्थ क्षेत्र है. इसी के साथ घूमने के लिए पर्यटन स्थान भी है. आप जिस किसी भी राज्य का नाम लेंगे, हर जगह ऐसे कई तीर्थाटन और पर्यटन है, जो एक साथ कई केंद्र हमारे मन में आ जाएंगे. ये क्षेत्र हमारी राष्ट्रीय एकता का, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन स्थलों की यात्रा, राष्ट्रीय एकता को बढ़ाती है, आज देश इन जगहों को समृद्धि के एक मजबूत स्रोत के रूप में भी देख रहा है. इनके विकास से हम एक बड़े क्षेत्र के विकास को गति दे सकते हैं.
सोमनाथ मंदिर के पास नया सर्किट हाउस | New Circuit House at Somnath
सोमनाथ मंदिर में प्रत्येक वर्ष ना सिर्फ देश से बल्कि विदेशो से भी लाखों श्रद्धालु आते हैं. यहाँ कई मौजूदा स्थान है जहाँ पर श्रद्धालु और पर्यटक रुक सकते है. परन्तु आज की आवश्यकता पूर्ण करने के लिए नए सर्किट हाउस की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि मौजूदा सरकारी सुविधा मंदिर से बहुत दूर स्थित थी. नया सर्किट हाउस 30 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है और यह सोमनाथ मंदिर के पास स्थित है. यह सुइट्स, वीआईपी और डीलक्स रूम, कॉन्फ्रेंस रूम, ऑडिटोरियम हॉल आदि सहित शीर्ष श्रेणी की सुविधाओं से सुसज्जित है. भूनिर्माण इस तरह से किया गया है कि हर कमरे से समुद्र का दृश्य उपलब्ध हो.
सर्किट हाउस भवन को इस तरह बनाया गया है कि यहाँ रुकने वाले व्यक्तियों को sea view भी मिल सकेगा. लोग जब यहाँ शांति से अपने कमरे में बैठेंगे, तो उन्हें समुद्र की लहरें भी दिखेंगी और सोमनाथ का शिखर भी नजर आएगा! इन बढ़ती हुई सुविधाओं की वजह से भविष्य में दीव हो, गीर हो, द्वारका हो, वेद द्वारका हो, इस पूरे क्षेत्र में जो भी यात्री आएंगे, सोमनाथ एक प्रकार से इस पूरे टूरिज्म सैक्टर का एक सेंटर प्वाइंट बन जाएगा. एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण ऊर्जा केंद्र बन जाएगा.
पर्यटन से 1 भारत श्रेष्ट भारत को बढ़ावा | Boost 1 Bharat Shreshtha Bharat by tourism
दुनिया में कई ऐसे देश है, जिनके अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है. पर्यटन के कारण बहुत लोगो को काम मिलता है. नए रोजगार शुरू होते है. क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
हमारे देश में पर्यटन क्षेत्र में अनेक संभावनाएं है. देश के प्रत्येक राज्य तीर्थस्थान और पर्यटन जैसे जगहों से सुसज्जित है. अगर आप गुजरात का नाम लेंगे तो सोमनाथ, द्वारिका, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, धोलावीरा, कच्छ का रण आदि अद्भुत स्थान मन में उभर जाते हैं. इसी के साथ यूपी का नाम लेंगे तो अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयाग, कुशीनगर, विंध्यांचल जैसे अनेकों नाम एक प्रकार से अपनी मानस छवि पर छा जाते हैं. सामान्य जन का हमेशा मन करता है कि इन सब जगहों पर जाने को मिले. उत्तराखंड तो देवभूमि ही है. बद्रीनाथ जी, केदारनाथ जी, वहीं पर हैं. हिमाचल प्रदेश की बात करे तो, माँ ज्वालादेवी वही है, माँ नयनादेवी वही है, पूरा पूर्वोत्तर दैवीय और प्राकृतिक आभा से परिपूर्ण है. इसी तरह, रामेश्वरम् जाने के लिए तमिलनाडु, पुरी जाने के लिए ओडिशा, तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश, सिद्धिविनायक जी के लिए महाराष्ट्र, शबरीमाला के लिए केरला का नाम आता है.
आप जिस किसी भी राज्य का नाम लेंगे, तीर्थस्थान और पर्यटन के एक साथ कई केंद्र हमारे मन में आ जाएंगे. ये स्थान हमारी राष्ट्रीय एकता का, 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन स्थलों की यात्रा, राष्ट्रीय एकता को बढ़ाती है, आज देश इन जगहों को समृद्धि के एक मजबूत स्रोत के रूप में भी देख रहा है. इनके विकास से हम एक बड़े क्षेत्र के विकास को गति दे सकते हैं.
स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश में 15 थीम बेस्ड टूरिस्ट सर्किट्स भी विकसित किए जा रहे हैं. ये सर्किट न केवल देश के अलग-अलग हिस्सों को आपस में जोड़ते हैं, बल्कि पर्यटन को नई पहचान देकर सुगम भी बनाते हैं. रामायण सर्किट के लिए जरिए आप भगवान राम से जुड़े जितने भी स्थान हैं, भगवान राम के साथ जिन-जिन चीजों का उल्लेख आता है, उन सभी स्थानों का एक के बाद एक दर्शन कर सकते हैं. इसके लिए रेलवे द्वारा विशेष रेल भी शुरू की गई है, जो कि बहुत पॉपुलर हो रही है. इन्ही सब लक्ष्यों से देश में एक भारत श्रेष्ट भारत की भावना और भी मजबूत होगी.
आज देश पर्यटन को समग्र रूप में, holistic way में देख रहा है. आज के समय में पर्यटन बढ़ाने के लिए चार बातें आवश्यक हैं. पहला स्वच्छता- पहले हमारे पर्यटन स्थल, पवित्र तीर्थस्थल भी अस्वच्छ रहते थे. आज स्वच्छ भारत अभियान ने ये तस्वीर बदली है. जैसे जैसे स्वच्छता आ रही है, पर्यटन में भी इजाफ़ा हो रहा है. पर्यटन बढ़ाने के लिए दूसरा अहम तत्व है सुविधा. लेकिन सुविधाओं का दायरा केवल पर्यटन स्थल तक ही सीमित नहीं होना चाहिए. सुविधा परिवहन की, इंटरनेट की, सही जानकारी की, मेडिकल व्यवस्था की, हर तरह की होनी चाहिए. और इस दिशा में भी देश में चौतरफा काम हो रहा है.
पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय. लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं. आज जो देश में हाइवेज़, एक्सप्रेसवेज़ बन रहे हैं, आधुनिक ट्रेन्स चल रही हैं, नए एयरपोर्ट्स शुरू हो रहे हैं, उनसे इसमें बहुत मदद मिल रही है. उड़ान योजना की वजह से हवाई किराए में भी काफी कमी आई है. यानि जितना यात्रा का समय घट रहा है, खर्च कम हो रहा है, उतना ही पर्यटन बढ़ रहा है.
वोकल फॉर लोकल से 1 भारत श्रेष्ट भारत को बढ़ावा | Vocal for Local Promoting 1 Bharat Shreshtha Bharat
पर्यटन क्षेत्र में 'वोकल फॉर लोकल' का अधिक महत्त्व है. वोकल फॉर लोकल का मतलब दिवाली के समय दीये कहां से खरीदना है. वोकल फॉर लोकल में टूरिज्म भी इसमें आ जाता है. अगर कोई विदेश जाना चाहता है, दुबई जाना है, सिंगापुर जाना है, मन कर रहा है, लेकिन विदेश जाने से पहले हमें भारत में ही 15-20 मशहूर स्थान पर जाना चाहिए. इससे ना सिर्फ क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि होगी, लोकल लोगो की आमदनी में वृद्धि होगी, बल्कि लोगो में अपने देश के विरासत में रूचि बढ़ेगी.
वोकल फॉर लोकल जीवन के हर क्षेत्र में अंगीकार करना ही होगा. देश को समृद्ध बनाना है, देश के नौजवानों के लिए अवसर तैयार करने हैं तो इस रास्ते पर चलना होगा. आज आज़ादी के अमृत महोत्सव में हम एक ऐसे भारत के लिए संकल्प ले रहे हैं, जो जितना आधुनिक होगा उतना ही अपनी परम्पराओं से जुड़ा होगा. हमारे तीर्थ स्थान, हमारे पर्यटन स्थल इस नए भारत में रंग भरने का काम कर रहे है. ये हमारी विरासत और विकास दोनों के प्रतीक है.
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