Indian Army Day 2022 : आखिर 15 जनवरी को आर्मी डे मनाने की शुरुआत कैसे हुई? | जानिये स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख केएम करियप्पा के बारे में महत्वपूर्ण इनफार्मेशन | Why Indian Army Day is celebrated in Hindi?
15 जनवरी का दिन भारतीय सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस (Indian Army Day) मनाया जाता है. भारतीय सेना आज अपना 74वां स्थापना दिवस मना रही है. सेना दिवस के इस विशेष दिन पर राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया जाएगा.
भारत में प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है. सेना दिवस (Indian Army Day) मनाने का उद्देश्य क्या है? सेना दिवस (Indian Army Day) क्यों मनाया जाता है? आर्मी डे भारतीय सेना के लिए क्या खास महत्व रखता है? आइये जानते है सेना दिवस के बारे में जुड़े महत्वपूर्ण तथा रोचक इनफार्मेशन.
सेना दिवस | Indian Army Day |
सेना दिवस 2022 | Indian Army Day 2022
आज सेना दिवस है. हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस (Indian Army Day 2022) के रूप में मनाया जाता है. इस साल भारत का 74वां सेना दिवस मनाया जा रहा है. 15 जनवरी का दिन भारतीय सेना के लिए अपितु सारे भारत वर्ष के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण का दिन है. भारतीय सेना आज अपना 74वां स्थापना दिवस मना रही है. सेना दिवस के इस विशेष दिन पर राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया जाएगा.
15 जनवरी वह दिन है जब पहली बार कोई भारतीय इंडियन आर्मी का कमांडर इन चीफ बना था. इससे पहले तक अंग्रेज ही इस पद पर रहते आए थे. सेना दिवस (Indian Army Day 2022) के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है.
15 जनवरी के दिन जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है. दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने कोने में शक्ति प्रदर्शन के साथ अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. सेना दिवस (Indian Army Day) के विशेष मौके पर राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया जाता है.
15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है सेना दिवस | Why is Army Day celebrated on 15 January in Hindi?
- 15 जनवरी को सेना दिवस ((Indian Army Day) मनाने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला ये कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी.
- 15 जनवरी की दिन ही जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था. इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे.
सेना दिवस मनाने के पीछे क्या कारण है? | What is the reason behind celebrating Army Day in Hindi?
भारत के स्वतंत्रता के बाद देश में कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी, देश भर में व्याप्त दंगे, फसाद तथा शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल उत्पन हो गई थी. फिर इस स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना अहम् भूमिका निभाई थी. भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे. 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे. उस समय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे. केएम करियप्पा के सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस (Indian Army Day) मनाया जाने लगा. उन्होंने वर्ष 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था.
15 जनवरी वह दिन है जब पहली बार कोई भारतीय इंडियन आर्मी का कमांडर इन चीफ बना था. इससे पहले तक अंग्रेज ही इस पद पर रहते आए थे. ये दिन ना केवल भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण होता है बल्कि हिंदुस्तान के इतिहास में अहम दिन माना जाता है. सेना दिवस (Indian Army Day 2022) के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है. इसलिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है, और उनका सम्मान किया जाता है.
फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Interesting facts about K. M. Cariappa
वर्ष 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी.
15 जनवरी 1949 को वही खास दिन था जब लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा पहले भारतीय के तौर पर कमांडर इन चीफ बने. इसके बाद से हर साल इस दिन आर्मी डे के तौर पर मनाया जाता है. उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था.
28 जनवरी 1899 को कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे करिअप्पा फील्ड मार्शल के पद पर पहुंचने वाले इकलौते भारतीय हैं. उनके फील्ड मार्शल सैम मानेकशा को फील्ड मार्शल का रैंक दिया गया था.
भारत-पाक आजादी के वक्त उन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
करिअप्पा ने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना का नेतृत्व किया था और अदम्य साहस का परिचय दिया था. पाकिस्तान के युद्ध के समय उन्हें पश्चिमी कमान का जी-ओ-सी-इन-सी बनाया गया था. उनके नेतृत्व में भारत ने जोजीला, द्रास और करगिल पर पाकिस्तानी सेना को हराया था.
फील्ड मार्शल करिअप्पा वर्ष 1953 में रिटायर हो गए. परन्तु वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध में उनका बीटा नंदा करिअप्पा उस वक्त भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट था.
युद्ध के दौरान उसका विमान पाकिस्तान सीमा में प्रवेश कर गया, जिसे पाक सैनिकों ने मार गिराया. करिअप्पा के बेटे ने विमान से कूदकर जान तो बचा ली, लेकिन वो पाक सैनिकों के हत्थे चढ़ गए.
उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान थे, जो किसी समय करिअप्पा के जूनियर थे और भारतीय सेना में नौकरी करते थे. उन्हें जैसे ही करिअप्पा के बेटे नंदा के पकड़े जाने का पता चला उन्होंने तुरंत उन्हें फोन किया और बताया कि वे उनके बेटे को रिहा कर रहे हैं.
इस पर करिअप्पा ने बेटे का मोह नहीं किया और कहा कि वो सिर्फ मेरा बेटा नहीं, भारत मां का लाल है. उसे रिहा करना तो दूर कोई सुविधा भी मत देना. उसके साथ आम युद्धबंदियों जैसा बर्ताव किया जाए. करिअप्पा ने अयूब खान से कहा कि या तो आप सभी युद्धबंदियों को रिहा करें या फिर किसी को नहीं. हालांकि युद्ध खत्म होने के बाद सभी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया.
सेना दिवस से जुड़े सवाल और उनके जवाब | Frequently asked questions about Indian Army Day in Hindi
15 जनवरी को किसके सम्मान में मनाया जाता है सेना दिवस ( Indian Army Day)?
फ़ील्ड मार्शल कोडेंडरा एम. करियप्पा
सेना दिवस (Indian Army Day) क्यों मनाया जाता है?
सेना दिवस (Indian Army Day), भारत में प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. के. एम. करियप्पा स्वतन्त्र भारत के प्रथम फ़ील्ड मार्शल बने.
Topic covered in this article
15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस? | सेना दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है? सेना दिवस क्यों मनाया जाता है? | सेना दिवस मनाने के पीछे क्या कारण है? | फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Why Indian Army Day is celebrated in Hindi? | What is the reason behind celebrating Army Day in Hindi? | Interesting facts about K. M. Cariappa
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