All about Ganga Expressway in Hindi: जानिए 36230 करोड़ की लागत से बने देश का सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेसवे के खासियत के बारे में | Know all about the features of the country's largest expressway Ganga Expressway in Hindi
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पश्चिम से पूरब तक 12 जिलों को जोड़ेगा. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों तथा 76 गांवों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा जो की उत्तर प्रदेश में बन रहा है. इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 594 किमी तथा 6 लेन होगी तथा इसकी लागत 36230 आकि जा रही है. इस एक्सप्रेसवे से मेरठ से प्रयागराज की दूरी घटकर, 11 घंटे से 8 घंटे तक का होने का अनुमान है. गंगा एक्सप्रेसवे से ना केवल रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, बाकि इलाके में कई निर्माण गतिविथियो, कारखानों, उद्योगों नई इकाईया स्थापित होगी. इससे ना सिर्फ स्थानीय बल्कि देश की आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा.
इस लेख में हम गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण जानकारियो को देखेंगे. गंगा एक्सप्रेसवे से सम्बंधित प्रश्न जैसे की गंगा एक्सप्रेसवे क्या है?, गंगा एक्सप्रेसवे की लम्बाई क्या है?, गंगा एक्सप्रेसवे कितने लेन का है?, गंगा एक्सप्रेसवे बनाने में कुल लागत क्या है?, गंगा एक्सप्रेसवे कोन कोन से जिलों और गावो से होकर गुजरेगा?, गंगा एक्सप्रेसवे रोड मैप क्या है?, गंगा एक्सप्रेसवे की क्या जरुरत है?, गंगा एक्सप्रेसवे से किसे लाभ होगा? इत्यादि.
गंगा एक्सप्रेसवे | Ganga Expressway |
गंगा एक्सप्रेसवे से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी | Complete information related to Ganga Expressway in Hindi
गंगा एक्सप्रेसवे ( Ganga Epressway ) उत्तर प्रदेश में बन रहा देश का सबसे बड़ा बन रहा है. गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई 594 किलोमीटर होगा. गंगा एक्सप्रेसवे वाराणसी के रास्ते मेरठ और प्रयागराज (Meerut to Prayagraj Ganga Expressway) के बीच कई जिलों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेसवे का काम दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास से शुरू हुआ और यह 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपए आंकी गई है. जिसमें 19,700 करोड़ रुपए सिविल कार्यों पर खर्च होंगे. गंगा एक्सप्रेसवे सिक्स लेन की होगी. इस सिक्स लेन के गंगा एक्सप्रेसवे पर एयर स्ट्रिप भी बनेगी.
गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों मेरठ, ज्योतिबा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 519 गांवों को जोड़ेगा. गंगा एक्सप्रेसवे के रास्ते में पडऩे वाली गंगा नदी पर एक किलोमीटर का पुल और रामगंगा पर 720 मीटर का पुल बनेगा. इस पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार/ स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है. जबकि गंगा एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी के अलावा हेलिकॉप्टर उतारने के भी इंतजाम होंगे/ इसके साथ ही रोजगार सृजन के लिए इस एक्सप्रेस वे पर होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप और ट्रॉमा सेंटर भी बनाए जाएंगे.
शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के विमानों के आपात्कालीन टेक ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी. एक्सप्रेस वे के साथ एक औद्योगिक गलियारा भी बनाने का प्रस्तावित है. गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने पर यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि सहित कई क्षेत्रों को भी गति देगा. यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा देगा.
गंगा एक्सप्रेसवे कहां से कहां तक/ गंगा एक्सप्रेसवे किन किन जिलों से होकर गुजरेगा | Know through which districts the Ganga Expressway will pass in Hindi
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेस वे वाराणसी के रास्ते मेरठ और प्रयागराज के बीच कई जिलों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेसवे के रूट में मेरठ, ज्योतिबा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले आएंगे. गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने पर लखनऊ से मेरठ की दूरी 5 घंटे की रह जाएगी. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद मेरठ से प्रयागराज की दूरी घटकर, 11 घंटे का सफर 8 घंटे में पूरा हो सकेगी.
गंगा एक्सप्रेसवे रोड मैप | Ganga Expressway Road Map |
गंगा एक्सप्रेसवे की क्या जरुरत है? | Know What is the need of Ganga Expressway in Hindi?
देश भर में तेज गति से संपर्क जोड़ने के लिए ही इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रेरणा रही है. करीब 594 किलोमीटर लंबा और छह लेन का यह एक्सप्रेस-वे 36,200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की लागत से बनाई जाएगी. गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, ज्योतिबा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों से होकर गुजरेगा. इससे इन शहरों में कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ेगी. व्यापार, उद्योगों को बहुत सहूलियत प्राप्त होगी. कृषि अनाज आने ले जाने में आसानी होगी. शहरों में ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी. गंगा एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बन जाने के बाद यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा. जिससे एक स्थान से दूसरे दुरी वाले जगहों पे आसानी, बिना ट्रैफिक रुकावट से जाया जा सकेगा.
गंगा एक्सप्रेसवे से जुडी मुख्य बिंदु | Know Important features/ facilities of Ganga Expressway being built in Uttar Pradesh in Hindi
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 दिसंबर को शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी गई.
- देश भर में तेज गति से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित.
- गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किमी होगी तथा यह 6 लेन होगी.
- मेरठ से प्रयागराज तक यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा.
- 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाला यह यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनेगा.
- शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे पर बनाए जाने वाले वायु सेना के विमानों के आपातकालीन टेक ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी.
- मेरठ से प्रयागराज की दूरी घटेगी, 11 घंटे का सफर 8 घंटे में पूरा होने का दावा
- एक्सप्रेसवे के किनारे 9 जन सुविधा परिसर
- गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, ज्योतिबा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों से होकर गुजरेगा.
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गंगा एक्सप्रेसवे बनने से क्या फायदे है? | Know What are the benefits of the Ganga Expressway in Hindi?
गंगा एक्सप्रेसवे से लाखो लोगो को रोजगार सृजन
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण से कई स्थानीय, कॉर्पोरेट, कारखाने, उद्योग का विकास होगा. गंगा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनेंगे. एक्सप्रेसवे के नजदीक उद्योग लगेंगे. हाइवे कि किनारे शिक्षण संस्थाएं, कृषि आधारित उद्योग बनेंगे. इससे राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी दोनों जुड़ेगी. यह एक्सप्रेस-वे हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों आदि की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा. गंगा एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि सहित कई क्षेत्रों को भी गति देगा. यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा देगा. गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना क्षेत्र के औद्योगीकरण के विस्तार के लिए सही रीढ़ प्रदान करेगी. गंगा एक्सप्रेस वे बनने से किसानों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और इसके माध्यम से किसान अपनी उपज की कम बर्बादी के साथ-साथ बेहतर मूल्य भी प्राप्त कर सकेंगे.
गंगा एक्सप्रेसवे से समय की बचत होगी
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेसवे के कारण मेरठ से प्रयागराज की दूरी घटेगी, 11 घंटे का सफर 8 घंटे में पूरा हो सकेगा. गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने पर लखनऊ से मेरठ की दूरी 5 घंटे की रह जाएगी. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद मेरठ से प्रयागराज की दूरी घटकर, 11 घंटे का सफर 8 घंटे में पूरा हो सकेगी. गंगा एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार/ स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है.
गंगा एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी बेहतर होगी
गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में करीब 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा. यह हवाई पट्टी वायु सेना के विमानों को आपातकालीन उड़ान भरने और उतरने में सहायता देगी. गंगा एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी के अलावा हेलिकॉप्टर उतारने के भी इंतजाम होंगे. एक्सप्रेस वे बनने से एनसीआर तक भी लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी और इलाके के भीतरी स्टेशनों और बस डिपों से कनेक्टिविटी सुधरेगी.
गंगा एक्सप्रेसवे से आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा
गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने पर यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि सहित कई क्षेत्रों को भी गति प्राप्त होगा. यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा देगा. यह एक्सप्रेसवे परियोजना क्षेत्र के औद्योगीकरण के विस्तार के लिए सही रीढ़ प्रदान करेगी.
गंगा एक्सप्रेस वे पहल को राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ क्षेत्र और राज्य को बड़े पैमाने पर लाभ मुहैया कराने के लिए परियोजना के निर्माण के उद्देश्य से शुरू किया गया था. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जुड़े होने और कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर और अलीगढ़ नोड्स के जलग्रहण क्षेत्रों को जोड़ने से यह परियोजना क्षेत्र के पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान की दिशा में एक प्रोत्साहन का काम करेगी.
एक्सप्रेस वे बनने से किसानों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और इसके माध्यम से किसान अपनी उपज की कम बर्बादी के साथ-साथ बेहतर मूल्य भी प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों की बढ़ी हुई आय तब अन्य क्षेत्रों और व्यवसायों में फैल जाएगी और इस प्रकार आय गुणक प्रभाव शुरू हो जाएगा.
जबकि गंगा एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी के अलावा हेलिकॉप्टर उतारने के भी इंतजाम होंगे/ इसके साथ ही रोजगार सृजन के लिए इस एक्सप्रेस वे पर होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप और ट्रॉमा सेंटर भी बनाए जाएंगे. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण से कई स्थानीय, कॉर्पोरेट, कारखाने, उद्योग का विकास होगा. गंगा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनेंगे. एक्सप्रेसवे के नजदीक उद्योग लगेंगे. हाइवे कि किनारे शिक्षण संस्थाएं, कृषि आधारित उद्योग बनेंगे. इस एक्सप्रेसवे से स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय लोगो को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
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