Electric Bus in Varanasi: वाराणसी में कई दिनों का इंतज़ार ख़त्म, शुरू हुआ वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों ( ई-बसों ) का परिचालन | Know about Electric Buses in Varanasi city in Hindi
आज के समय में जहाँ एक तरफ इलेक्ट्रिक वाहन समय की मांग है, वहीँ दूसरी तरफ इसके कई फायदे भी है. पहले इलेक्ट्रिक गाड़िया लेने के पीछे लोगो की सोच सिर्फ प्रदुषण की कमी और पैसे बचाने की होती थी, वहीँ अब पेट्रोल और डीज़ल के दामों ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ लोगो का रुझान और बढ़ा दिया है.
देखा जाये तो विश्व के अन्य विकसित देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. इलेक्ट्रिक वाहन न सिर्फ प्रदुषण रोकथाम में मददगार है, बल्कि यह काफी कम खर्चो में चल जाती है और इनका मेंटेनेंस कॉस्ट भी बहुत कम होता है. भारत सरकार भी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में मुहीम चला रही है. लोगो को इलेक्ट्रिक गाड़िया लेने पर सब्सिडी दे रही है. इन्ही सब प्रयासों के अंतर्गत सरकार देश में इलेक्ट्रिक बसो को चलाने पर जोर दे रही है. प्रदुषण को देखते हुए देश के कई शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत की जा चुकी है. इसी कड़ी में वाराणसी में भी इलेक्ट्रिक बसों के सञ्चालन की तैयारी चल रही थी, जो गुरुवार 11 दिसंबर 2021 से शुरू कर दी गई है.
Electric Vehicles in Varanasi, Photo Credit: Online |
वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत | Electric Bus in Varanasi
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान इन इलेक्ट्रिक बसो को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना कर दिया था, जो चार्जिंग स्टेशन निर्मित होने तक वाराणसी के राजातालाब स्थित महिला महाविद्यालय में खड़ी थी. लोगो को इन इलेक्ट्रिक बसो का बहुत बेसब्री से इंतज़ार था, जो की 11 दिसंबर 2021 से शुरुवात हो चुकी है.
वाराणसी शहर को वायु प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है. वायु प्रदुषण के रोकथाम के साथ ही पब्लिक बस के कारण ट्रैफिक में भी कमी आएगी. इन इलेक्ट्रिक बसों को तय रूट पर चलाया जाएगा. शुरुआत में कम ही इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी. परन्तु इसे आगे और भी बढ़ाया जायेगा.
इलेक्ट्रिक बसों की खासियत | Features of electric buses
इन इलेक्ट्रिक बसो में चालक को लेकर कुल 29 सीटें हैं. बस में दो जनप्रतिनिधियों, दो दिव्यांगों तथा चार महिलाओं के लिए सीट आरक्षित हैं. साथ ही दिव्यांगों के प्रवेश के लिए दूसरे दरवाजे पर रैंप है. बस में डेस्टिनेशन बोर्ड लगाया गया है, जिससे बस में बैठे यात्री आने वाले ठहराव ( बस स्टॉप ) आसानी से जान सकेंगे. इन बसो में यात्रियों के लिए मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं. चार सीटों के अंतराल पर दो-दो चार्जिंग प्वाइंट हैं. इससे आगे और पीछे बैठे दोनों ही यात्रियों को मोबाइल चार्ज करने में आसानी होगी. बस के दोनों गेटों पर ऑटोमैटिक प्रेसर बटन लगाया गया है, जिसे यात्री बाहर से भी दबाकर गेट खोल सकेंगे.
इलेक्ट्रिक बसों में सुरक्षा के पैरामीटर | Safety Parameters in Electric Buses
इन इलेक्ट्रिक बसों में प्रत्येक ४ सीट के अंतराल पर पैनिक बटन लगाया गया है. साथ ही बस में नो स्मोकिंग अलार्म भी लगाया गया है. ये बसे भी कार की तरह बिना गेट बंद हुए स्टार्ट नहीं होगी. बस में सुरक्षा के लिए पांच कैमरे लगाए गए हैं. तीन कैमरे बस के अंदर और दो बस के आगे और पीछे लगाए गए हैं, ताकि बाहर की भी निगरानी रखी जा सके. बैक कैमरा पीछे से आ रहे वाहनों को देखने और टर्निंग में सहायक होगा. इमरजेंसी एग्जिट करने के लिए बस में चार हथौड़े भी रखे गए हैं, जिससे इमरजेंसी में शीशा तोड़कर लोगों को बचाया जा सकेगा.
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