Teacher's Day 2021: जानिए आखिर क्यों हर बार 5 सितंबर को ही मनाया जाता है शिक्षक दिवस ( Teacher's Day )?, जानिये शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में...
एक व्यक्ति के जीवन में कई शिक्षक होते है, कुछ जो आधिकारिक स्कूल और कॉलेज में, तो कुछ जीवन मूल्यों को सीखाने वाले. हमारे माता पिता जो की हम भगवान का दर्जा देते है, वे ही हमारे प्रथम शिक्षक होते है. एक बच्चा अपने माता - पिता से बहुत कुछ सिखता है. जब वह थोड़ा बड़ा हो जाता है तो उसे स्कूल डाल दिया जाता है. और फिर एक नया सफर चालू होता है विद्यार्थी और शिक्षक का.
कहा जाता है की एक विद्यार्थी के सफलता में शिक्षक का हाथ होता है. मानव जीवन में शिक्षक का बहुत महत्व है. हमारे संस्कृति में कहा जाता है की 'गुरु बिन ज्ञान अधूरा' अर्थात शिक्षक के बिना एक संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती. गुरु के इसी महत्व को समझते हुए 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया है. इसी दिन महान शिक्षक तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्मदिन भी है.
तो आइये जानते है हमारे शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में. इस लेख में हम यह भी देखेंगे की शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?, और, आखिर 5 सितम्बर ही क्यों चुना गया शिक्षक दिवस मनाने के लिए?, भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई?, साथ ही हम शिक्षक दिवस के महत्व को भी देखेंगे.
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जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? |
ॐ गुरुवे नमः शिक्षक दिवस क्या है? | Know What is Teachers Day in Hindi?
एक विद्यार्थी के सफलता में शिक्षा और शिक्षक का बहुत महत्व होता है. मानव जीवन में शिक्षक का बहुत महत्व है. किसी भी व्यक्ति के आचरण और व्यवहार पर शिक्षक का अहम् भूमिका होती है. किसी भी व्यक्ति का भविष्य उनके शिक्षा पर निर्भर करता है, और शिक्षा का दायित्व हमारे शिक्षक पर ही होता है. शिक्षक के कंधों पर व्यक्ति तथा समाज के भविष्य को संवारने, निखारने और उसे सदमार्ग पर ले जाने की जिम्मेदारी होती है. शिक्षक पर ही समाज और राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी होती है.
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः ||
शिक्षक ( गुरु ) के महत्व के बताते हुए स्वयं भगवान शिक्षक को अपने से ज्यादा महत्व देते है, वे कहते है गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर होता है. वो गुरु ही है जो सही और गलत, अच्छा और बुरा का ज्ञान देता है. गुरु के द्वारा, उनके दिखाए मार्ग से ही व्यक्ति को ईश्वर की प्राप्ति होती है. अतः पहले गुरु फिर ईश्वर.
हमारे भारत की संस्कृति में ही प्राचीनकाल से ही गुरु-शिष्य परंपरा को सर्वोपरि माना गया है. हमारे संस्कृति में कहा जाता है की 'गुरु बिन ज्ञान अधूरा' अर्थात शिक्षक के बिना एक संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती, और शिक्षा के बिना मनुष्य अपूर्ण रहता है. हमारे जीवन में हमारे माता - पिता के बाद गुरु का स्थान होता है. हमारे पुराणों में शिक्षक ( गुरु ) को ईश्वर से बड़ा बताया गया है. शिक्षक सिर्फ स्कूल में नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र, हर पड़ाव में होता है. हमारे जीवन में कई गुरु होते हैं, जिनसे हम कुछ न कुछ अवश्य सिखते है. हमारे प्रथम गुरु हमारे माता पिता है.
शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) क्यों मनाया जाता है? | Know Why Teachers Day is Celebrated in Hindi?
शिक्षक बिना स्वार्थ और भेदभाव के किसी विद्यार्थी से कोई भी उम्मीद रखे बिना अपनी जिंदगी सिर्फ ज्ञान का प्रकाश फ़ैलाने में लगा देता है. इसलिए उनके द्वारा दिए गए त्याग को नमन करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है. जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है, और शिक्षा पाने के लिए शिक्षक ( टीचर ) का होना बहुत जरूरी है. इस तरह हमारे साथ साथ समाज और देश के भविष्य में शिक्षक की भूमिका अहम् होती है. शिक्षकों के इसी परित्याग, योगदान और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है. शिक्षक (गुरु) का सम्मान करने और उनको काम के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए ही शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) की शुरुआत की गई थी. एक शिक्षक ( टीचर ) की हमारे जीवन में क्या जरूरत है, क्या अहमियत है, उनका समाज और राष्ट्र निर्माण में क्या योगदान है. हम उनके बारे में क्या सोचते हैं, उनके प्रति हमारी भावनाएं क्या हैं, यह व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) मनाया जाता है. शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है. इस बार यानी वर्ष 2021 में शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) रविवार को मनाया जायेगा.
शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) हर साल 5 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है? | Know Why Teachers Day is Celebrated on 5th September every year in Hindi?
कई लोग खासकर छात्रजन के मन में यह सवाल अवश्य आता होगा कि आखिर शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) हर साल 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है. क्या हम किसी दूसरे दिन शिक्षक दिवस नहीं मना सकते. आखिर हमने 5 सितम्बर के दिन को ही क्यों चुना. तो बताते चले की 5 सितम्बर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Dr.Sarvepalli Radhakrishna ) का जन्मदिन है, जो की भारत देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति है. भारत में 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher's Day) के रूप में मनाया जा रहा है.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भारत में शिक्षण के जगत में अभूतपूर्ण योगदान है. उन्होंने शिक्षा को लोगो तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया है. उनका सारा जीवन शिक्षा को समर्पित था. अतः राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Dr.Sarvepalli Radhakrishna ) के योगदान के लिए उनके जयंती ( 5 सितम्बर ) को शिक्षक दिवस ( Teachers Day ) के रूप में मनाया जाता है.
भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई? | When did the celebration of Teacher's Day start in India in Hindi?
भारत में वर्ष 1962 से ही 5 सितंबर को शिक्षक दिवस ( Teachers Day ) के रूप में मनाया जा रहा है. जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Dr. Sarvepalli Radhakrishnan ) राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया, उसी साल से उनके सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक का दिमाग देश में सबसे बेहतर दिमाग होता है. शिक्षक के कंधो पर ही व्यक्ति, समाज और देश का भविष्य निर्भर होता है. राधाकृष्णन बनने के बाद एक बार उनके कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनसे, उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करने की इच्छा जताई. तब उन्होंने कहा था कि, "मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर मेरा जन्मदिन टीचर्स डे के रूप में मनाये तो मुझे ज्यादा गर्व महसूस होगा." उसके बाद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. हम इस दिन हम इस महान शिक्षावादी को याद करते हैं, उनका सम्मान करते हैं. तथा अपने सभी शिक्षकों और गुरुओ को उनके त्याग और बलिदान के लिए उनका धन्यवाद देते है.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का संक्षिप्त में वर्णन | Brief description of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था. राधाकृष्ण बहुत होनहार छात्र थे, जिनका शिक्षा के प्रति बहुत लगाव था. कहा जाता है कि उनके पिता राधाकृष्णन को अंग्रेजी नहीं सीखने देना चाहते थे. उनकी इच्छा थी की उनका पुत्र पुरोहित ( मंदिर का पुजारी ) बने. अंततः राधाकृष्णन ने अपने सपनो को साकार करते हुए तिरुपति और वेल्लोर में उच्चशिक्षा हासिल की. आगे चलकर उनका पूरा जीवन शिक्षा को समर्पित हुआ. उन्होंने मैसूर, कोलकाता, ऑक्सफोर्ड और फिर शिकागो में भी शिक्षा विशेषज्ञ के तौर पर गए. उस दौर में शिक्षा पर व्याख्यान के लिए किसी भारतीय का विदेश में आमंत्रित किया जाना बहुत गौरावान्वित करने वाला होता था. राधाकृष्णन को ब्रिटिश सरकार द्वारा सर की उपाधि से सम्मानित किया था.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत देश के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति है. उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था, 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. राधाकृष्णन एक बेहतरीन शिक्षाविद भी थे. उनका शिक्षा के क्षेत्र अभूतपूर्व योगदान है. उन्होंने विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कॉलेजों में शिक्षक के रूप में काम किया है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है? | Know How Teacher's Day is Celebrated in Hindi?
शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) मनाने का सबका अपना तरीका होता है. बच्चे अपने टीचर को कुछ गिफ्ट देते है, तो वही बड़े भी उपहार स्वरुप भेट, उनके पसंद के कुछ मिठाईया, कपडे आदि देकर अपने शिक्षक का मान बढ़ाते है. शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेजों, ट्यूशन आदि में विद्यार्थी अपने शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रमों को आयोजन करते हैं. इस आयोजन में कोई कविता, तो कोई नाटक या फिर किसी शिक्षक का नक़ल करके अपने अध्यापको का मनोरंजन करते है. स्कूल, ट्यूशन आदि में कुछ बच्चे अपने शिक्षक को फूल देकर उनके प्रति सम्मान जताता है, तो कोई पेन आदि देकर उनका आशीर्वाद लेता है. टीचर्स डे के दिन टीचर्स को कुछ भी करने की जरूरत नहीं होती है. कुछ स्टूडेंट टीचर का रोल निभाते है. कुछ विद्यार्थी अपने पसंदीदा शिक्षक को ग्रीटिंग्स कार्ड देते है, जिसमे उनके बारे में अच्छी बातें लिखकर उनका सम्मान करते हैं. इस दिन स्टूडेंट्स शिक्षकों को सम्मान देकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं, जिससे शिक्षक अपने विद्यार्थियों को और अच्छे से पढ़ाते हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षक दिवस के दिन कुछ चुने हुए सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को उनके कार्य के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. यह पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को दिया जाता है.
शिक्षक दिवस ( टीचर्स डे ) का महत्व | Importance of Teacher's Day in Hindi
शिक्षक दिवस छात्र और समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. एक व्यक्ति के जीवन को सफल बनाने में शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है. साथ ही उसके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. शिक्षकों के कंधो पर ही एक अच्छे समाज और देश के भविष्य की जिम्मेदारी होती है. हमारे संस्कृति में ही पुराने समय से ही गुरुओं का एक बड़ा योगदान रहा है. उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और मार्गदर्शन से सफलता मिलती रही है, समाज का विकास होता रहा है. हमारे संस्कृति में हम शिक्षक ( गुरु ) को भगवान से भी ज्यादा महत्व देते है, उनका सम्मान करते है.
ऐसे में शिक्षक दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण उत्सव हो जाता है, जिससे गुरु - शिष्य परंपरा को फिर से नई उत्साह मिलती है. इसलिए शिक्षक दिवस को बहुत धूम धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है. इसके अलावा, छात्रों द्वारा शिक्षकों के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हैं, बल्कि उत्सव, कार्यक्रम आदि आयोजिकत किए जाते हैं. छात्र अपने शिक्षक को उपहार देते हैं. इसके साथ ही कई प्रकार के सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती है, जिसमें छात्र और शिक्षक दोनों ही भाग लिया करते हैं. शिक्षकों को मान-सम्मान देकर उनके कामों की सराहना की जाती है. इसका परिणाम यह होता है की शिक्षक को अपने प्रति सम्मान से उनका मन और मनोबल बढ़ता है, जिससे वे अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक सजक हो जाते है. साथ ही पढ़ाने में उनका मन लगा रहता है.
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शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये Happy Teacher's Day |
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