इलेक्ट्रिक गाड़ियां बदल देगी भारत का भविष्य ! | क्या भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयार है ? | भारत में इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य जानिए.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहन (EV), मोटर वाहन उद्योग की दुनिया में एक अपेक्षाकृत नई अवधारणा है. इलेक्ट्रिक वाहन, उन वाहनों को कहा जाता है जो परंपरागत डीज़ल तथा पेट्रोल से न चलकर, बैटरी से चलती है. इन वाहनों को ऊर्जा इन्ही बैटरियों से मिलती है. इस बैटरी का उपयोग बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन या हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन के इलेक्ट्रिक मोटर्स को बिजली देने के लिए किया जाता है. ये बैटरी आमतौर पर रिचार्जेबल बैटरी होती हैं, और आमतौर पर लिथियम आयन बैटरी होती हैं. इन बैटरियों का उपयोग न केवल कार को बिजली देने के लिए किया जाता है, बल्कि रोशनी और वाइपर के काम के लिए भी किया जाता है.
दैनिक आवागमन की यात्राओं के लिए इलेक्ट्रिक कार यातायात का एक व्यावहारिक साधन है, और इसे बहुत कम खर्च पर कुछ ही घंटो में चार्ज किया जा सकता है. इससे ईंधन की बचत के साथ पैसो का भी बचत होता है. यदि देखा जाये तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल से लोगो का न सिर्फ पैसो की बचत हो रही, पर्यावरण को भी संरछित करने में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां अहम भूमिका निभा रही है.
इन इलेक्ट्रिक वाहनों को हम काम दुरी तथा लम्बी दुरी के यात्रा के रूप में कर सकते है. शहरी इलाकों में आजकल इलेक्ट्रिक गाड़ियां जैसे २ पहियों और ४ पहियों वाले ज्यादा पसंद किये जा रहे है. ग्रामीण छेत्रों में २ पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, यह बताने के लिए काफी है की दूर सुदूर ग्रामीण छेत्रो में लोगो की रूचि इलेक्ट्रिक गाड़ियां के लिए बढ़ रही है.
पहले इलेक्ट्रिक वाहनों का कैसा हाल था ?
कुछ वर्ष पूर्व इलेक्ट्रिक गाड़ियां महज एक सपना था, परन्तु विगत वर्षो से लगातार हो रहे शोध कार्यो के कारन आज इलेक्ट्रिक वहन का सपना पूरा हो गया है. लगातार हो रहे इलेक्ट्रिक वाहनों के मांग में वृद्धि के बावजूद, कुछ लोगो के मन में अभी भी कुछ संकाये है. लोगो के मन में यह डर है की इलेक्ट्रिक वहन खरीदने के बाद उसके मेंटेनेंस के लिए कहा जाया जाये, मरम्मत के लिए क्या लोकल मैकेनिक सही साबित होंगे, गाड़ी में कुछ खराबी आ जाये तो कितना खर्चा आएगा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां की कोई गारंटी है या नहीं.
इन सब समस्याओ के बावजूद, यदि कोई नागरिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना भी चाहता है, फिर उसे मुलभूत समस्या आने लगती है. सबसे महत्वपूर्ण समस्या यह होती की इलेक्ट्रिक गाड़िया खरीदी कहा जाये, अगर कुछ भाग दौड़ करके खरीद लिया जाता है तो, क्या इलेक्ट्रिक गाड़ी विश्वशनीय है, इलेक्ट्रिक गाड़ी को चार्ज कहा किया जाये, इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने में कितना खर्च आता है, इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्जिंग में कितना समय लगेगा, ज्यादा चार्जिंग से बैटरी ख़राब तो नहीं हो जाएगी, एक बार चार्ज होने के बाद गाड़ी कितने किलोमीटर्स तक जाएगी, अगर चार्जिंग कही बिच रस्ते में ख़तम हो जाये तो क्या करेंगे, बैटरी में कोई समस्या आती है तो क्या करेंगे, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मरम्मत के लिए उनके पार्ट्स किधर मिलेंगे इत्यादि. पहले के कुछ वर्षो में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने में जीतनी समस्याएं आती थी, उससे ज्यादा समस्याए तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने के बाद आती थी.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों का नेटवर्क काम होने के कारण, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मालिकों को भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती थी. दूसरी बात ये है कि इनके विकल्प बड़े सीमित हैं. हालांकि, अब इलेक्ट्रिक कारें बड़ी संख्या में बाज़ार में उतारी जा रही हैं. ग्राहकों की तीसरी चिंता इससे जुड़े बुनियादी ढांचे की कमी का होना है. मतलब ये कि शहरों में अभी भी इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने की सुविधाएं बहुत कम हैं.
इलेक्ट्रिक गाड़ियां का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है
जैसे जैसे समय बितता जा रहा है, वैसे वैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लगातार बदलाव किये जा रहे है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बैटरी से लेकर परफॉरमेंस तक सब कुछ पहले के मुकाबले बहुत बेहतर हो चुके है. अब इन इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने में ज्यादा समय भी नहीं लगाती और पैसो का भी बचत हो जाती है, वही इनके रेंज में भी काफी अधिक सुधार आया है. इलेक्ट्रिक होने के कारण इनसे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचता. साथ ही वायु प्रदुषण तथा ध्वनि प्रदुषण से भी राहत मिलती है.
जैसे जैसे नयी तकनिकी का अविष्कार हो रहा है, वैसे वैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियों का लुक और परफॉरमेंस बढ़ता जा रहा है. इलेक्ट्रिक वहन खुद में ही एक दमदार वाहन होती है, जिससे चालको को एक अलग ही अनुभव मिलती है. दिन प्रतिदिन लोगो में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रति दीवानगी बढ़ती जा रही है, तथा इनके बिक्री में भी बढ़ोतरी हो रही है. हलाकि अभी भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या डीज़ल अथवा पेट्रोल की गाड़ियों की संख्या की तुलना में कम है, परन्तु भविष्य में यह संख्या काफी ज्यादा बढ़ने वाली है.
लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम की बढ़ोतरी को देखते हुए ग्राहकों को खुश करने के लिए ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की लॉन्चिंग पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. ऐसे में जो लोग इलेक्ट्रिक वाहनो को एक उम्मीद की नजर से देख रहे है और पसंद भी कर रहे हैं.
सरकार की भूमिका
इलेक्ट्रिक करों से वाहन उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. विशेष तौर पर शहरों में होने वाले प्रदूषण, तेल पर कम निर्भरता तथा गैसोलीन के दामों में वृद्धि होने की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में विश्व भर की सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों तथा उनके पुर्जों के विकास कोष में अरबों का निवेश कर रही हैं. अलग अलग देशो की सरकारे अपने देश में नयी नयी नीतियों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोस्ताहित कर रही है.
भारत सरकार भी काफ़ी समय से स्वच्छ ईंधन पर आधारित गाड़ियों की ख़रीद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. ना ही सिर्फ केंद्र की सरकार, बल्कि राज्य सरकारे भी नयी नयी योजनाओ के तहत ग्राहकों को इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रोस्ताहित कर रही है. समय समय पर नयी नयी स्कीम तथा सब्सिडी देकर उनकी इलेक्ट्रिक वहन खरीदने की जिज्ञासा को बढ़ाया जाता है.
हाल ही में सरकार ने अपनी फ़ेम (FAME) योजना के दूसरे फ़ेज की घोषणा की थी. साथ ही सरकार ने 2019-2022 के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपने फंड को दस गुना बढ़ा कर दस हज़ार करोड़ कर दिया था. इसके फलस्वरूप आज बहुत-सी कंपनियां इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाज़ार में उतार रही हैं. इसकी प्रमुख वजह है सरकार की FAME-2 नीति की ख़ूबियां. इससे कॉमर्शिलयल सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों, जैसे बसों, ट्रकों और टैक्सियों को बढ़ावा मिलेगा. इससे धीरे-धीरे इनकी मांग बढ़ेगी.
लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी देने का प्लान तैयार किया गया है. इसमें अगर आप कोई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर या थ्री-व्हीलर खरीदते हैं तो आपको करीब 30,000 रुपये तक सब्सिडी (EV Bike Subsidy) मिल सकती है. और फो-व्हीलर पर यह सब्सिडी की राशि डेढ़ लाख रुपये (EV Car Subsidy) तक हो सकती है.
यह भी देखें
- गौतम बुद्ध का जीवन परिचय (Gautam Buddha - The Great Preacher)
- Ek Bharat Shreshtha Bharat Abhiyan kya hai | What is Ek Bharat Shreshtha Bharat scheme
- माथेरान - मुंबई महाराष्ट्र
भारत बनेगा सबसे बड़ा बाज़ार
वहीं दूसरी तरफ़, भारत का बाज़ार इतना बड़ा है कि इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. साल 2025 तक भारत, जापान को पीछे छोड़ कर दुनिया का तीसरा बड़ा बाज़ार बन जाएगा.
सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उठाये गए कदम तथा बनाये गए नीतियों के कारण लोगो में भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा बाज़ार से जुड़ी नीतियों में लगातार उठापटक और वैकल्पिक ईंधन की तरफ़ फ़िक्रमंदी से बढ़ते क़दम भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.
सरकार चाहती है कि भारत दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण का सबसे बड़ा केंद्र बन जाए. साथ ही सुज़ुकी और टाटा मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों ने भी लीथियम-आयन बैटरी के निर्माण में भारी निवेश का एलान किया है.
हाल ही में टाटा मोटर्स ने एलान किया है कि वो अपनी सहयोगी कंपनियों टाटा केमिकल्स और टाटा मोटर्स के साथ मिलकर भारत में लीथियम-आयन बैटरियां बनाएगी और इनकी असेंबलिंग करेगी. लेकिन, ये काम दूसरे देशों से कोबाल्ट और लीथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज के आयात की मदद से ही किया जा सकता है.
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन की संख्या बढती जा रही है. बाजार में बहुत सारे इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल तथा कारो की कंपनी भी आ रहे है. इससे ग्राहकों के लिए नए नए विकल्प भी तैयार हो रहे है.
भारत जैसे बाज़ार में जहां क़ीमतों को लेकर लोग बहुत संवेदनशील हैं, वहां पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ने की राह में ये एक और बाधा है.
इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग के फायदे
गैस पर बहुत सारे पैसे बचाने के लिए, एक उपभोक्ता के रूप में एक इलेक्ट्रिक कार आपके लिए एक शानदार तरीका हो सकती है। हालांकि, और भी कई अलग-अलग कारण हैं कि आपको आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक कार या इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल के खरीदने के बारे में सोचना चाहिए.
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कोई गैस की आवश्यकता नहीं है
इलेक्ट्रिक कारें पूरी तरह से आपके द्वारा प्रदान की गई बिजली से चार्ज होती हैं, जिसका अर्थ है कि आपको फिर कभी कोई गैस खरीदने की आवश्यकता नहीं है. ईंधन आधारित कारों को चलाने से आपकी जेब में छेद हो सकता है क्योंकि ईंधन की कीमतें हर समय ऊंची होती चली गई हैं. गैसोलीन की तुलना में बिजली काफी कम खर्चीली है.
इलेक्ट्रिक वाहन अधिक सुविधाजनक होती है
इलेक्ट्रिक वाहन को रिचार्ज करना आसान है, और सबसे अच्छी बात यह है कि आपको सड़क पर चलने से पहले अपनी कार को रिचार्ज करने के लिए ईंधन स्टेशन तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी! यहां तक कि एक सामान्य घरेलू सॉकेट का उपयोग इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से पैसो की बचत भी होती है
बैटरी के बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपलब्ध कर प्रोत्साहन ने लागत को और नीचे ला दिया, इस प्रकार, यह बहुत अधिक लागत प्रभावी बन गया है. इलेक्ट्रिक वाहनों को बहुत कम कीमतों के लिए ईंधन दिया जा सकता है, इन इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीद पर भी अच्छा ख़ासा सब्सिडी मिल जाती है. इलेक्ट्रिक वाहन आपके जीवन में पैसे बचाने का एक शानदार तरीका भी हो सकती है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के रखरखाव की खर्च बहुत ही काम है
इनके मेंटेनेंस तथा रखरखाव में भी बहुत कम खर्च आती है. इलेक्ट्रिक कारें विद्युतीय रूप से संचालित इंजनों पर चलती हैं, और इसलिए इंजनों को लुब्रिकेट करने की कोई आवश्यकता नहीं है, दहन इंजन से संबंधित कुछ भी या रखरखाव कार्यों का एक टन जो आमतौर पर गैस इंजन से जुड़े होते हैं. अन्य महंगे इंजन काम अतीत की बात है. इसलिए, इन गाड़ियों की रखरखाव लागत में कमी आई है. जैसा कि आप एक मानक गैसोलीन-संचालित कार के लिए करते हैं, आपको इसे अक्सर सर्विस स्टेशन पर भेजने की आवश्यकता नहीं होती है.
इलेक्ट्रिक वाहनों से कोई जहरीली उत्सर्जन नहीं होती है
इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे बड़ा लाभ इसकी ग्रीन क्रेडेंशियल है. इलेक्ट्रिक कारें 100 प्रतिशत इको-फ्रेंडली हैं क्योंकि वे विद्युत चालित इंजनों पर चलती हैं. यह पर्यावरण में जहरीली गैसों या धुएं का उत्सर्जन नहीं करता है क्योंकि यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत पर चलता है. यदि आप इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल करते है तो आप भी स्वस्थ और हरित जलवायु में योगदान दे रहे हैं.
इलेक्ट्रिक गाड़ी ड्राइव करने के लिए ज्यादा सुरक्षित है
इलेक्ट्रिक कारें उसी फिटनेस और परीक्षण प्रक्रियाओं से गुजरती हैं जो अन्य ईंधन से चलने वाली कारों की तरह होती है. एक इलेक्ट्रिक कार का उपयोग ड्राइव करने के लिए ज्यादा सुरक्षित है, उनके गुरुत्वाकर्षण के निचले केंद्र को देखते हुए, जो टक्कर के मामले में उन्हें सड़क पर अधिक स्थिर बनाता है. यदि कोई दुर्घटना होती है, तो एयरबैग को खोलने और बिजली की आपूर्ति को बैटरी से काटने की उम्मीद की जा सकती है. यह आपको और अन्य यात्रियों को कार में गंभीर चोटों से बचा सकता है. वे किसी भी दहनशील ईंधन या गैस की अनुपस्थिति में विस्फोट की संभावना भी कम हैं.
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से प्रदूषण पर अंकुश भी लगाए जा सकते है
इलेक्ट्रिक वाहन ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाते हैं, क्योंकि वे बहुत शांत होते हैं. इलेक्ट्रिक मोटर्स लंबी दूरी पर उच्च त्वरण के साथ बहुत ही सरल ड्राइव प्रदान करने में सक्षम हैं. ध्वनि प्रदूषण के रोकथाम के साथ ही ये वायु प्रदुषण से भी निजात दिलाती है. इलेक्ट्रिक होने के कारण, इससे पर्यावरण में गैस का निकास भी नहीं होता है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से ड्राइविंग करना आसान हुआ है
ऑटोमोबाइल की दुनिया में, इलेक्ट्रिक कारों को ड्राइव करना सबसे सरल ड्राइविंग माना जाता है. वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहने न केवल एक वास्तव में लंबे गियर वाले ट्रांसमिशन के साथ आती हैं बल्कि यह भी स्टालिंग समस्या से ग्रस्त नहीं होती हैं जैसा कि पेट्रोल कारें करती हैं. यह प्रभावी रूप से क्लच तंत्र को जोड़ने की आवश्यकता को समाप्त करता है. इसलिए, आप बस एक्सेलरेटर पेडल, ब्रेक पेडल और स्टीयरिंग व्हील के साथ एक इलेक्ट्रिक कार संचालित कर सकते हैं. एक और वास्तव में उपयोगी सुविधा पुनर्योजी ब्रेक लगाना है. सामान्य कारों में, ब्रेकिंग प्रक्रिया गतिज ऊर्जा का कुल अपव्यय है जो घर्षण गर्मी के रूप में जारी होती है. हालांकि, एक इलेक्ट्रिक वाहन में, बैटरी को चार्ज करने के लिए उसी ऊर्जा का उपयोग किया जाता है.
तेल की मांग को ध्यान में रखते हुए ही आपूर्ति बढ़ेगी, एक इलेक्ट्रिक कार आने वाले भविष्य में परिवहन का सामान्य साधन होगी. इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से आप न केवल खुद की बल्कि अपने परिवार की भी भारी मात्रा में बचत करते है. एक इलेक्ट्रिक कार का पर्यावरणीय प्रभाव शून्य है, साथ ही, जिसका अर्थ है कि आप अपने कार्बन पदचिह्न को कम कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं.
इलेक्ट्रिक वाहनो के कुछ नुकसान
यद्यपि सकारात्मकता के प्रमाण बहुत स्पष्ट हो गए हैं, लेकिन कुछ डाउनसाइड भी हैं, जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति को इलेक्ट्रिक वाहन लेने के पहले थोड़ा विचार करने की आवश्यकता है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की कमी
इलेक्ट्रिक फ्यूलिंग स्टेशन अभी भी विकास के चरणों में हैं. दैनिक रूप से जाने वाले बहुत से स्थानों पर आपके वाहन के लिए इलेक्ट्रिक फ्यूलिंग स्टेशन नहीं होंगे, जिसका अर्थ है कि यदि आप एक लंबी यात्रा पर हैं या ग्रामीण या उपनगरीय क्षेत्र में परिवार की यात्रा करने का निर्णय लेते हैं, और शुल्क से बाहर हैं, तो यह हो सकता है चार्जिंग स्टेशन ढूंढना कठिन हो. तुम जहां हो वहीं अटक सकते हो. हालाँकि, जब तक चार्जिंग स्टेशन अधिक व्यापक नहीं हो जाते, तब तक एक चार्जिंग स्टेशन मैप होना सुनिश्चित करें, जहाँ आप रहते हैं और जहाँ आप अक्सर जाते हैं, ताकि आप अपनी नई ईवी चार्ज कर सकें, जब आपको आवश्यकता हो.
शॉर्ट ड्राइविंग रेंज और स्पीड
इलेक्ट्रिक वाहन सीमा और गति से सीमित हैं। इनमें से ज्यादातर मोटरसाइकिल की रेंज लगभग ७०-१०० किमी की है तथा कारो की रेंज ३०० किमी के आसपास है, और इन्हें फिर से रिचार्ज करने की जरूरत है, आप अभी तक लंबी यात्रा के लिए उनका उपयोग नहीं कर सकते. हालांकि अब जो भी नए इलेक्ट्रिक वाहन मार्किट में आ रहे है.
लंबे समय तक रिचार्ज समय
जबकि आपकी पेट्रोल चालित कार को ईंधन देने में कुछ मिनट लगते हैं, एक इलेक्ट्रिक कार को लगभग 4-6 घंटे लगते हैं पूरी तरह से चार्ज होने के लिए. इसलिए, आपको समर्पित पावर स्टेशनों की आवश्यकता है, क्योंकि उन्हें रिचार्ज करने में लगने वाला समय काफी लंबा है. इस प्रकार, समय और आवश्यक योजना कुछ लोगों को रोक देती है. कुछ किट हैं जो चार्जिंग टाइम को घटा सकते हैं. लेकिन फिर से, यह एक अतिरिक्त निवेश होने जा रहा है.
इलेक्ट्रिक वाहनों का साइलेंट होना भी एक खतरा हो सकता है
इलेक्ट्रिक वाहनों का साइलेंट थोड़ा सा नुकसान हो सकता है क्योंकि लोग शोर सुनना पसंद करते हैं यदि वे उनके पीछे से आ रहे हैं. एक इलेक्ट्रिक कार, हालांकि, साइलेंट है और कुछ मामलों में दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के पार्ट्स तथा बैटरी में होने वाली मुश्किलें
अभी भी कई बार ऐसा हो जाता है, यदि आप कोई पार्ट्स लेने जाते है तो मिलता नहीं है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि मार्किट में अभी तक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों के पार्ट्स को ढूंढने में थोड़ी मुश्किल आती है. बैटरी के प्रकार और उपयोग के आधार पर, लगभग सभी इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी को हर 3-10 वर्षों में बदलना आवश्यक है.
इलेक्ट्रिक वाहनों में चॉइस की कमी
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आज बाजार का विस्तार हो रहा है, जिसमें मंदी के कोई संकेत नहीं हैं. हालांकि, सच्चाई यह है कि आपके इलेक्ट्रिक वाहन के सौंदर्यशास्त्र को अनुकूलित और चुनने के लिए कम विकल्प हैं. इसी समय, पारंपरिक कारों के साथ अनुकूलन की विशाल मात्रा उपलब्ध है. यह समय के साथ बदलने की संभावना है, लेकिन कई लोगों के लिए, यह एक निराशा कारण हो सकता है.
यह भी देखें
1 Bharat Shreshtha Bharat | Atmanirbhar Bharat
गौतम बुद्ध का जीवन परिचय (Gautam Buddha - The Great Preacher)
Ek Bharat Shreshtha Bharat Abhiyan kya hai | What is Ek Bharat Shreshtha Bharat scheme
How to maintain Health and Fitness in busy lifestyle
Hindu Nav Varsh 2021 | हिंदू नव वर्ष 2021 की शुरुआत: हिन्दू नव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं